वाराणसी तहसील में चल रहा है भ्रष्टाचार का गंदा खेल है पूरा मामला

A dirty game of corruption is going on in Varanasi tehsil, the whole matter is

वाराणसी तहसील में चल रहा है भ्रष्टाचार का गंदा खेल है पूरा मामला

वाराणसी तहसील में चल रहा है भ्रष्टाचार का गंदा खेल है पूरा मामला 
गरीब महिला के करोड़ों की जमीन माफिया ने पैसे के बल पर  करा  लिया अपने नाम

डांगा  करवा की बढ़ सकती है मुश्किल ,  दर्ज हो सकता है   मुकदमा , जा सकते जेल 


बताया जाता है कि वाराणसी के मड़ौली क्षेत्र में शिवपुर निवासी रानी देवी को कोलकाता की रहने वाली वाराणसी में काशी वास कर मुक्ति  चाह में     सूरजदेवी डांगा ने अपनी सेविका रानी  देवी वसीयत कर जमीन रानी देवी को दिया था 22 जून 2016 को नायब तहसीलदार तत्कालीन में सभी तथ्यों को सही पाते हुए विपक्षी  श्रीनिवास डांगा  और लोकेन्द्र  श्रवण करवा के  सभी आपत्ति को खारिज करते हुए रानी देवी के नाम राजस्व अभिलेखों में अंकित करने का आदेश दिया था 22 जून 2016 के आदेश को चुनौती देते हुए सूरज देवी डांगा  के पुत्र श्रीनिवास डांगा  और उनके भाई लक्ष्मी निवास डांगा  का अरुण  डांगा ने निचली अदालत से लेकर ऊपरी अदालत यानी उच्च न्यायालय तक 22 जून 2016 के आदेश को समाप्त करने के लिए याचिका कर डाली लेकिन राजस्व परिषद लखनऊ द्वारा रानी देवी के सभी पक्ष को सही मानते हुए पुनः नायब तहसीलदार कटेहर को सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया इसके बाद नायब तहसीलदार ने रानी देवी से २०लाख रुपयों  की मांग करने लगे और रानी देवी द्वारा असमर्थता बताने पर कि इतने  पैसे में नहीं दे सकती तब उन्होंने कहा कि तुम मेरे पास दो-तीन रात गुजार दो


थोड़ा तुमसे मजा लेंगे और मात्र ₹500000 पांच लाख  हमें दे दो हम तुम्हारा आदेश पुन बहाल करने नहीं तुम्हारे खिलाफ आदेश कर देंगे शारीरिक शोषण होते देखा रानी देवी ने इसकी शिकायत जिला अधिकारी वाराणसी के साथ अपने परिचित और पड़ोसी  समाजसेवी लेखक साहित्यकार  चिंतक  एवं गरीब शोषित  असहाय विधिक सहायता संसथान के अध्यक्ष   राकेश श्रीवास्तव न्यायिक से गुहार लगाई राकेश  न्यायसयिक  ने  भी अपने स्वभाव के अनुरूप रानी देवी का मदद किया और नायब  तहसीलदार के कुकर्मों की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से आम लोगों में की लेकिन रानी देवी की शिकायत पर जांच भी कराई गई लेकिन विभागीय जांच अभी भी प्रचलित है और उसकी जाँच  अपर   जिलाधिकारी   वित् एवं राजस्व  (एडीम  फाइनेंस) कर रहे  पहुंच  रखने वाले नायब  तहसीलदार  कटेहर  कुलवंत सिंहको बचाने के लिए अभी भी  और उसके बाद उन्होंने रानी देवी के खिलाफ एक के बाद एक न्याय के सिद्धांत के विपरीत बदले की भावनासे ग्रसित हो एक के बाद एक आदेश  करते चले गए बहुत महत्वपूर्ण प्रकरण या है कि इस जमीन को अपने नाम करने के लिए वर्षों से परेशान वाराणसी के  भू माफियाएवं पूर्वांचल के माफियाओ के काले धन जी सफ़ेद करने वाले  लोकेंद्र ने श्रीनिवास  डांगा से बिना राजस्व  अभिलेखों में मलिक हुए करोड़ों की जमीन होने अपने नाम से  खरीद ली जिस समय या रजिस्ट्री हुआ उसे समय श्रीनिवास डागा उसे जमीन के मालिक नहीं थे उसके बावजूद श्रीनिवास डागा ने करोड़ों रुपए लेकर अवैध तरीके से धोखाधड़ी और  कूटरचित  दस्तावेज के आधार पर 2 मार्च यानी उस दिन रविवार था और रविवार को सामान्य तौर से कचहरी कोर्ट  तहसील न्यायालय आदि बंद रहते हैं उसके बावजूद श्रीनिवास डांगा  और लोकेंद्र  कारवां  अपने एक गंभीर साजिश के तहत एक कूटरचित दस्तावेज के आधार पर बैनामा करा लिया जिस पर अपराधिक गंभीर धाराएं भी बनती हैं जिसमें प्रमुख रूप से 419, 420, 467, 468, 471, 120 भी जैसी गंभीर धाराओं में आगे चलकर मुकदमा भी हो सकता है इस प्रकरण में रानी देवी की अधिवक्ता ने आपराधिक मुकदमा के  ढंग से  से बिना मालिकाना हक के फर्जी ढंग से किए गए कुटरचित दस्तावेज कथित बैनामी को शून्य करने के लिए रानी देवी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन तृतीय वाराणसी के न्यायालय में मुकदमा  वाद  संख्या 592 सन 2025 दाखिल किया है जिसे न्यायालय ने संज्ञान में लेते हुए करवा, डांगा  एंड कंपनी  को नोटिस जारी करते हुए 27 मई  को न्यायालय में हाजिर होने का आदेश जारी कर  दिया है इसके लिए रानी देवी की तरफ से जारी स्पीड पोस्ट सभी 11 विपक्षी जिसमें प्रमुख रूप से श्रीनिवास डागा, लक्ष्मी निवास डागा, अरुण कुमार डागा,  कारवां  स्पिनर्स, लोकेंद्र कुमार कारवां  पुत्र स्वर्गीय जानकी बल्ल्भ करवा  कारवां, श्रवणकुमार  करवा पुत्र जानकी  बल्लभकारवां  ,  कुमारी प्रिया  करवा , पुत्री श्रवण  कुमार कारवां, निवासी मड़ौली, केशव करवा पुत्र श्रवण कुमार करवा, तेजस कारवां  पुत्र लोकेन्द्र कुमार कारवा  ,   आकाश कारवां  पुत्र श्रवण कुमार कारवां ,हर्षिता कारवां पत्नी आकाश  कारवां  , कारवां  स्पिनर्स प्राइवेट लिमिटेड जरिये डाइरेक्टर  लोकेंद्र कुमार कारवां  पुत्र स्वर्गीय जानकी बल्ल्भ करवा  ,अरुण कुमार  डांगा बंगला नंबर 134 एस वीपी नगर अँधेरी पश्चिम  मुंबई   , लक्ष्मी निवास डांगानिवासी सीए 382 साल्ट लेक सिटी   कोलकाता ,श्रीनिवास डांगा पुत्र स्वर्गीय गिरधर  डांगा   सीए 382 साल्ट लेक सिटी   कोलकाताको    नोटिस तामिला  के लिए भेज दिया है, अभी तक भ्रष्टाचार का केंद्र बना तहसील सदर वाराणसी में करोड़ों रुपया खर्च कर फर्जी और कुट रचित  दस्तावेज के सहारे जमीन रजिस्ट्री करने वाले और करने वाले लोकेंद्र कारवां और कंपनी तथा श्रीनिवास दगा एंड कंपनी को तगड़ा झटका लग सकता है क्योंकि भ्रष्टाचार का केंद्र भले ही तहसील हो सकता है लेकिन न्यायिक अधिकारी पर इस तरह के  आरोप  कम लगते हैं
अब देखना है कि क्या न्यायालय द्वारा  बसीयत  से प्राप्त गरीब महिला की जमीन उसे वापस मिल पाती है या फिर न्याय के लिए दर दर  गरीब असहाय महिला भटकती ही रहेगी

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