अतुल राय के जेल से बाहर निकलने का रास्ता हुआ साफ

वाराणसी:- बसपा सांसद अतुल राय के नैनी जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया है। दुष्कर्म पीड़िता को आत्महत्या को उकसाने मामले में आरोपी घोसी सांसद को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। अब सिर्फ गैंगस्टर मामला उच्च न्यायालय में लंबित है, जिसकी सुनवाई के लिए कोर्ट ने 11 जनवरी की तिथि नियत की है।दुष्कर्म पीड़िता को आत्महत्या को उकसाने मामले में लंका थाने में दर्ज मामले में आरोपी घोसी सांसद अतुल रॉय को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने एक-एक लाख के दो जमानत दार देने पर शशर्त जमानत दे दी। आरोपी के खिलाफ गैंगस्टर मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। सांसद के अधिवक्ता अनुज यादव, विकास सिंह, दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता को खुदकुशी के लिए उकसाने मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने शशर्त जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट ने कहा कि आरोपी साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ नही करेगा,गवाहों को प्रभावित नही करेगा,विचारण के दौरान हर तारीख पर खुद या अधिवक्ता के जरिये कोर्ट में हाजिर रहेगा और आरोपी का अंतिम बयान दर्ज होते समय बिना विलम्ब के कोर्ट में हाजिर रहेगा। अदालत ने कहा आरोपी बिना किसी उचित कारण के अदालत में उपस्थित नहीं रहेगा तब जमानत का दुरुपयोग माना जायेगा और जमानत के दौरान किसी अवैधानिक क्रिया कलाप में शामिल नहीं रहेगा। इसी तरह का मुकदमा लखनऊ के हजरतगंज थाने में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के संग साजिशकर्ता के रूप में सांसद के खिलाफ दर्ज कराया गया। जिसकी सुनवाई 11 जनवरी को होनी है। इस मुकदमे की सुनवाई के बाद बीएसपी सांसद अतुल राय के बाहर निकलने का रास्ता साफ हो जाएगा।रेप पीड़िता के आत्महत्या मामले में आरोपी सांसद की तरफ से दी गई जमानत अर्जी में कहा गया कि वह नामजद नही है,रेप पीड़िता ने 16 अगस्त 2021 को लाइव फेसबुक पर तमाम अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्महत्या का प्रयास किया था और दिल्ली के तिलकनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इस बीच यूपी सरकार ने अधिकारिता क्षेत्र से बाहर जाकर एसआईटी का गठन किया और लखनऊ के हजरतगंज थाने में पूर्व आईपीएस अभिताभ ठाकुर और सांसद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया,इस बीच 26 सितंबर 2019 को पुलिस आयुक्त के गोपनीय पत्र और अपर पुलिस आयुक्त की जांच आख्या के आधार पर 30सितंबर 2021 को तत्कालीन सीओ अमरेश सिंह बघेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया आरोप लगाया गया कि आरोपी सांसद को रेप से बचाने के लिए लोक सेवक द्वारा पदीय कर्तब्यों के निर्वहन में अपूर्ण निराधार अभिलेख की रचना की गई और लाभ पहुचाने के लिए विधिक तथ्यात्मक पूर्ण आख्या से छुब्ध होकर रेप पीड़िता ने आत्महत्या की।इस बीच आरोपी सांसद को जब 6 अगस्त 2022 को रेप मामले में दोषमुक्त कर दिया गया तब प्राथिमिकी दर्ज होने के एक वर्ष बाद आरोपी सांसद को इस मामले में रिमांड बनाने के लिये तलब किया गया, बता दे इसी मामले में रिमांड बनाये जाने के लिए पेशी पर नैनी जेल से कोर्ट परिसर में आये थे तब सांसद बेहोश होकर गिर पड़े थे और काफी हो हल्ला मचा था। आरोपी पक्ष की दलील थी कि सांसद के खिलाफ 20 मामले दर्ज थे जिसमें से 10 में बरी हो चुके है,7 में जमानत पर है और दो में फाइनल रिपोर्ट लग गई है यह भी कहा गया तत्कालीन सीओ अमरेश सिंह से मुलाकात,इलेक्ट्रॉनिक संवाद या अन्य कोई दस्तावेज नही है जिससे साबित हो कि सांसद आपराधिक साजिश में शामिल रहे,तत्कालीन सीओ मुख्य आरोपी को इस मामले मे जमानत मिल गई है ऐसे में आरोपी सांसद को जमानत पर रिहा किया जाय।

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