बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय बने कथावाचक, रामेश्वर में सुना रहे श्रीमद् भागवत कथा

वाराणसी। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अब कथावाचक बन गये हैं। बिहार की सरकार में चर्चा में रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने भगवद्भक्ति में लीन हो गये हैं और उसी में समय बिताने का निर्णय कर लिया है। अब वह वाराणसी के रामनगर-रामेश्वर रोड के पास शनिवार से श्रीमद भागवत की कथा सुना रहे हैं। कथा सुननेवालों की भीड़ भी जुट रही है। उनकी कथा कहने की शैली से लोग प्रभावित हैं। शनिवार से शुरू हुई यह कथा 28 अप्रैल तक चलेगी। कथा शाम 6 बजे से 10 बजे रात तक हो रही है।

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय बने कथावाचक, रामेश्वर में सुना रहे श्रीमद् भागवत कथा

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय बने कथावाचक, रामेश्वर में सुना रहे श्रीमद् भागवत कथा
वाराणसी। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अब कथावाचक बन गये हैं। बिहार की सरकार में चर्चा में रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने भगवद्भक्ति में लीन हो गये हैं और उसी में समय बिताने का निर्णय कर लिया है। अब वह वाराणसी के रामनगर-रामेश्वर रोड के पास शनिवार से श्रीमद भागवत की कथा सुना रहे हैं। कथा सुननेवालों की भीड़ भी जुट रही है। उनकी कथा कहने की शैली से लोग प्रभावित हैं। शनिवार से शुरू हुई यह कथा 28 अप्रैल तक चलेगी। कथा शाम 6 बजे से 10 बजे रात तक हो रही है।


कथा के शुभारम्भ पर शनिवार को प्रातः काल सैकड़ों महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली और पुरूषों भगवा ध्वज लेकर जय श्रीराम, हरहर महादेव का उद्घोष करते हुए चल रहे थे। श्रीमद् भागवत कथा में पूर्व डीजीपी व कथा वाचक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहाकि ज्ञान का मार्ग कठिन होता है। इससे विचलित नहीं होना चाहिए। क्योंकि हम जीव हैं। स्वर्ग नर्क और बैकुंठ जाने का भी रास्ता भी यहीं से प्रारंभ होता है। मनुष्य को अपने जीवन में कोई भी लक्ष्य अवश्य  अपनाना चाहिए। इसके लिए ज्ञान का होना अत्यंत आवश्यक है। जीवन का लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहाकि नास्तिक के लिए कथा सत्संग नहीं है। सत्संग में आस्था है तो लक्ष्य अवश्य निर्धारित करना होगा। भागवत कथा के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया। इस दौरान कथा आयोजक आलोक मिश्रा, पीयूष मिश्रा, गौरव चौबे, आशुतोष मिश्रा, अजय, स्वास्तिक इन इंफ्रा सॉल्यूशन परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे। इन्होंने भागवत कथा की तैयारी में पूर्ण सहयोग किया। कथा के मुख्य यजमान बलदेव इंटर कॉलेज बड़ागांव पूर्व प्रधानाचार्य रमेश मिश्रा उनकी धर्मपत्नी उषा मिश्रा रहीं।

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