नेपाली प्रधानमंत्री का भोले की नगरी काशी में भव्य स्वागत

लाइव यूपी। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी आरजू राणा रविवार को वाराणसी पहुंचे। यहां उन्होंने काशी विश्वनाथ, बाबा कालभैरव और ललिता घाट के समीप पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया।

नेपाली प्रधानमंत्री का भोले की नगरी  काशी में भव्य स्वागत
नेपाली प्रधानमंत्री का भोले की नगरी  काशी में भव्य स्वागत

सपत्नीक किया दर्शन-पूजन, एयरपोर्ट से मंदिर तक जगह-जगह स्वागत
लाइव यूपी। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी आरजू राणा रविवार को वाराणसी पहुंचे। यहां उन्होंने काशी विश्वनाथ, बाबा कालभैरव और ललिता घाट के समीप पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया। उनके साथ 40 सदस्यीय दल भी आया। विश्वनाथ पहुचने पर पुष्प वर्षा और डमरूओं के निनाद के बीच उनका स्वागत किया गया। वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया। इसके बाद वह काशी विश्वनाथ और बाबा कालभैरव मंदिर के लिए निकले तो जगह-जगह उनका जमकर स्वागत हुआ।


इस दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री ने काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव से बाबा विश्वनाथ के दरबार होते हुए नेपाली मंदिर तक हाजिरी लगाई और मां गंगा को प्रणाम किया। चिलचिलाती धूप के बीच भी काशीवासी सड़कों के दोनों तरफ खड़े होकर नेपाल के प्रधानमंत्री का स्वागत हर-हर महादेव के उद्घोष से करते रहे। काशीवासियों के स्वागत से अभिभूत नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं अपनों के बीच ही हूं। भारत और नेपाल अनादि काल से एक-दूसरे के सुख-दुख के साथी हैं और आगे भी ऐसे ही रहेंगे। नेपाल के प्रधानमंत्री के स्वागत में बाबतपुर से शहर की ओर जाने वाले रास्ते में सुबह से ही लोकनृत्य और संगीत शुरू हो गया था। उधर, लहुराबीर में पीएम के रूट में लापरवाही का मामला सामने आया, सड़क की एक लेन की मरम्मत में जेसीबी लगी रही और दूसरी लेन से वीआईपी गुजरते रहे। शेर बहादुर देउबा बाबा पशुपतिनाथ मंदिर (नेपाली मंदिर) में भी दर्शन-पूजन किया। यह मंदिर भारत-नेपाल के आध्यात्मिक व सांस्कृतिक जुड़ाव की निशानी है। यह नेपाली मंदिर का इतिहास 200 साल से भी ज्यादा पुराना है। इसका निर्माण नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के तर्ज पर किया गया है। ललिता घाट के पास स्थित मंदिर बाहर से देखने में हूबहू पशुपतिनाथ जैसा ही लगता है। इसलिए इसे काशी का पशुपतिनाथ मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का निर्माण पूरी तरह से लकड़ी से किया गया है। यहां काष्ठ कला का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। इस दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री काशी विश्वनाथ धाम पर बनी फिल्म देखने के साथ ही नेपाली समुदाय के लोगों से बातचीत की। देउबा के पहुंचने पर जगह-जगह मयूर नृत्य, पाईडंडा लोकनृत्य हुआ। वहीं, सरायकाजी बस स्टैंड पर सोनभद्र के आदिवासियों ने लोकनृत्य कर नेपाल के पीएम का स्वागत किया। तरना स्थित सेठ जयपुरिया स्कूल के गेट पर नटवरी लोक नृत्य, संत अतुलानंद तिराहा पर सोनभद्र का ही आदिवासी नृत्य, सर्किट हाउस पर बुंदेलखंड का राई नृत्य, पुलिस लाइन चौराहा पर अवध का धोबिया और पूर्वांचल के फरुवाही लोक नृत्य से कलाकारों ने पीएम स्वागत किया। देउबा का काफिला कचहरी और ताज होटल तिराहे पर पहुंचा तो वहां आदिवासी और मयूर लोक नृत्य से स्वागत हुआ। जगह-जगह भारत और नेपाल के झंडे लहराए जा रहे थे। उधर, शिक्षा विभाग की ओर से करीब दो सौ बच्चों को नेपाली पीएम के स्वागत के लिए बुलाया गया था। इन बच्चों को शिक्षा विभाग की ओर से बुलाया गया था और बच्चे इस चिलचिलाती धूप में नेपाल के पीएम के स्वागत के लिए आए थे। बच्चों को नेपाल के प्रधानमंत्री के आगमन पर झंडा गीत की सामान्य प्रस्तुति देनी थी। शिक्षा विभाग की ओर से अनुमति दी गई थी, इसके बावजूद इन बच्चों को नेपाली मंदिर और घाटों की ओर नहीं जाने दिया गया।

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