वेक्टर जनित बीमारियों पर नियंत्रण व प्रभावी कार्रवाई के लिए स्वास्थ्यकर्मी हुए प्रशिक्षित
वाराणसी मण्डल की एक दिवसीय एंटोमोलॉजिकल सर्विलान्स प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण आधारित गतिविधियों पर विशेष ज़ोर दिया जाए– डॉ मंजुला सिंह
वाराणसी, 11 दिसम्बर 2023 – संचारी रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, चिकनगुनिया आदि की रोकथाम, नियंत्रण, निगरानी व प्रभावी कार्रवाई करने किए स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को मण्डल स्तरीय एक दिवसीय एंटोमोलॉजिकल (कीट विज्ञान) सर्विलान्स प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन डीडीयू राजकीय चिकित्सालय पाण्डेयपुर स्थित मंडलीय अपर निदेशक कार्यालय में किया गया। प्रशिक्षण में वाराणसी मण्डल के सभी जनपद वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर के मलेरिया इकाई के कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।
मंडलीय अपर निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) डॉ मंजुला सिंह के नेतृत्व में मण्डल के संयुक्त निदेशक एवं वेक्टर जनित बीमारियों के नोडल अधिकारी डॉ जीसी द्विवेदी, जौनपुर के जिला मलेरिया अधिकारी डॉ बीपी सिंह और क्षेत्रीय एंटोमोलॉजिस्ट व बायोलॉजिस्ट डॉ अमित कुमार सिंह ने प्रशिक्षण दिया। इस दौरान मण्डल के चारों जनपद के मलेरिया इंस्पेक्टर, फाइलेरिया इंस्पेक्टर, हेल्थ सुपरवाइजर, बेसिक हेल्थ वर्कर सहित 50 स्वास्थ्यकर्मियों को संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एंटोमोलॉजिकल सर्विलान्स के लिए प्रशिक्षण दिया गया। डॉ मंजुला सिंह ने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी अपने-अपने जनपद में स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करें। इसके साथ ही वेक्टर जनित बीमारियों के नियंत्रण व रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाए। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण आधारित गतिविधियों पर विशेष ज़ोर दिया जाए। कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर ध्यान दिया जाए। चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को लगातार ट्रैक किया जाए।
क्षेत्रीय एंटोमोलॉजिस्ट डॉ अमित ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य वेक्टर जनित लार्वा उन्मूलन के लिए गतिविधियों और संचरण काल की पूर्व तैयारियों को पूरा करना और उसके सापेक्ष प्रभावी कार्रवाई करना है। प्रशिक्षण में सभी जनपदों को वेक्टर सर्विलान्स के लिए टीम गठित करने का निर्देश भी दिया गया। डॉ अमित ने वेक्टर जनित सभी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार आदि के कारण, पहचान, लक्षण, जांच, उपचार और बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के सापेक्ष वर्तमान में मच्छर जनित रोग के संचरण काल के दृष्टिगत जनपद में डेंगू,मलेरिया, फाइलेरिया आदि अन्य बीमारियों के प्रभावित क्षेत्रों (हॉट स्पॉट जॉन) में एंटोमोलॉजिकल सर्विलांस कार्य जैसे मच्छरों का घनत्व एवं बुखार से ग्रसित रोगियों की सूचना एवं स्क्रीनिंग कार्य किया जाना आवश्यक है।
इन बातों का विशेष ध्यान रखें –
- घरों के आसपास जल जमाव न होने दें,
- छत पर एवं घर के अंदर निष्प्रयोज्य डिब्बे, पात्र जिसमें जल एकत्र हो सकता हो उसे खाली कर दें,
- कूलर में पानी न रहने दें या हर दूसरे दिन पानी बदलते रहें,
- फ्रिज के पीछे प्लेट में पानी एकत्र न होने दें
- गमलों, नारियल के खोल, या निष्प्रयोज्य टायर, टंकी को जरूर से साफ करवाते रहें, एवं उनमें पानी एकत्र न होने दें।
- मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें
- पूरी बांह के कपड़े पहनें