जेल में जेल अधीक्षक का खेल इसके आगे सारा सिस्टम फेल

जेल में जेल अधीक्षक का खेल इसके आगे सारा सिस्टम फेल

जेल में जेल अधीक्षक का खेल इसके आगे सारा सिस्टम फेल    

वाराणसी जिला कारागार अधीक्षक ने अपने आपको को जाँच की घेरे से बचने के लिये आनन् फानन में एक चीफ हेड विनीत मिश्रा और दो सिपाही जे.पी.सिंह व संतोष सोनकर को किया रिलीफ जबकि दोनों सिपाहियों का तबादला जेल मुख्यालय द्वारा पहले ही हो चूका है |लेकिन अपने वसूली की खेल को जारी रखने के लिये जेल अधीक्षक महोदय ने सारे नियम कानूनो से परे जाकर इन चीफ सिपाहियों को रोके रक्खा| था अब जब खुद को फंदे में फंसता पाया तो इन चीफ सिपाहियों की बलि चढ़ा दी| जेल अधीक्षक द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुये दोनों सिपाहियों को किसी भी सूरत में रिलीफ करने को तैयार नहीं थे | क्योंकि ये दोनों सिपाही जेल अधीक्षक आचार्य डॉक्टर उमेश सिंह के कारागार में इनके द्वारा बनाये गए स्वयं जेल मैनुअल के आधार पर कराये जा रहे काला बाजारी में दोनों सिपाही पूर्ण तरीके से लिप्त थे |

वही आज गाँजा का काला कारोबार करने वाला आजीवन कारावास का सिद्धदोष बंदी राइटर रामसूरत बिन्द व अस्पताल राइटर आजीवन का सिद्धदोष बन्दी पंकज सिंह की भी सेन्ट्रल जेल वाराणसी भेजकर जाँच की घेरे से बचने के लिए सारा हर हथकंडा अपना रहे जेल अधीक्षक | आपको बताते चले की जेल में गुरु प्रसाद पाण्डेय उस वक्त तत्कालीन चीफ थे और ड्यूटी पर तैनात थे जिस वक्त गल्ला गोदाम के राइटर रामसूरत बिन्द के पास था उस वक्त तमात सिपाहियों चीफ डिप्टी जेलरो के बीच सरकारी आलमारी तोड़ा गया तो लगभग 1 किलो गाँजा बरामद किया गया उसके बाद दिखावे के लिये आजीवन कारावास का सिद्धदोष बंदी राइटर रामसूरत बिन्द का दौरा खोल दिया गया था फिर 1 महीने बाद पुनः फिर से वहीं गाँजा बिकवाने के लिये राइटर बना दिया गया उसके बाद जब जब जेल डी.जी.का मुयाअना जिला कारागार में हुआ तो मिडिया ने गाँजा बरामदगी को लेकर सवाल खड़ा किये तो कार्यवाही का आश्वासन दिया गया

लेकिन कार्यवाही नहीं हुई गाँजे का काला कारोबार फिर से शुरू हो गया अगर 6 महीने की CCTV फुटेज को खंगाला जाए तो हर बैरको में चिलम पिते बन्दी नजर आयेंगे विगत दिनो अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत पत्र देते हुए एक चेतावनी भी दी है की यदि इस शिकायत पत्र पर जल्द से जल्द सुनवाई नहीं की गई तो बहुत बड़ा जनसैलाब जेल अधीक्षक वाराणसी के खिलाफ सडको पर उतरने के लिये मजबूर होगा| और अधीक्षक के खिलाफ अधिवक्ताओ द्वारा सत्याग्रह करने की चेतावनी दी है|आगे देखते जाइये आपके सामने क्या क्या आता है!

साभार 

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