डीएस रिसर्च सेंटर द्वारा प्रसादम कार्यक्रम का किया गया आयोजन

varanasi:- डी एस रिसर्च सेंटर द्वारा उमाशंकर मंदिर में प्रसादम कार्यक्रम का हुआ आयोजन यह संस्था द्वारा पिछले 1 वर्षों से हर शनिवार को प्रसाद वितरण का कार्यक्रम किया जाता है संस्था द्वारा आज 1 वर्ष पूरे होने पर महाप्रसाद वितरण किया गया रविंद्रपुरी स्थित मंदिर के आसपास बस्तियों में रहने वाले लोग भोजन ग्रहण करते हैं संस्था के संस्थापक विनय तिवारी का कहना है कि हम इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखेंगे संस्था द्वारा प्रसाद वितरण का कार्यक्रम अब मंगलवार और शनिवार भी किया जाएगा।

डीएस रिसर्च सेंटर द्वारा प्रसादम कार्यक्रम का किया गया आयोजन

 varanasi:- डी एस रिसर्च सेंटर द्वारा उमाशंकर मंदिर में प्रसादम कार्यक्रम का हुआ आयोजन यह संस्था द्वारा पिछले 1 वर्षों से हर शनिवार को प्रसाद वितरण का कार्यक्रम किया जाता है संस्था द्वारा आज 1 वर्ष पूरे होने पर महाप्रसाद वितरण किया गया रविंद्रपुरी स्थित मंदिर के आसपास बस्तियों में रहने वाले लोग भोजन ग्रहण करते हैं संस्था के संस्थापक विनय तिवारी का कहना है कि हम इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखेंगे संस्था द्वारा प्रसाद वितरण का कार्यक्रम अब मंगलवार और शनिवार भी किया जाएगा।

आपको बता दें कि डीएस रिसर्च सेंटर कैंसर पीड़ितों की बीमारियों को आयुर्वेदिक पद्धति द्वारा करता है संस्था 40 वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं दे रहा है साथ ही साथ यह संस्था समाजिक कार्यों में भी अपनी अहम भूमिका निभाता है । चाहे वह लोगों को जागरूक करने की बात हो या फिर जरूरतमंदों को भोजन कराने की संस्था द्वारा इस कार्य को काशी में रहने वाले सभी जरूरतमंदों के लिए शुरू किया गया था । सबसे पहले यह संस्था हनुमान मंदिर के पास खिचड़ी वितरण करती थी धीरे-धीरे यह संस्था हर शनिवार को खिचड़ी वितरण का कार्यक्रम शुरू की जिसके साथ ही 1 वर्ष पूर्ण होने के बाद एक बड़ा आयोजन या संस्था द्वारा किया गया है और लगभग हजारों लोगों को या प्रसाद वितरण किया गया साथी संस्था ने संकल्प भी लिया है कि अनवरत इस कार्य को हम जारी रखेंगे।


न्यूरो रोगों की सबसे अधिक समस्या हेडेक की सामने आती है। इसके बाद फीवर, वोमिटिंग, विजुअल लॉस आदि दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के IMS स्थित न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा आज दो दिवसीय कांफ्रेस में निमहांस (NIMHANS) संस्थान के पूर्व वीसी और अपोलाे अस्पताल के सलाहकार प्रो. पी. सतीश चंद्रा ने कही। इस कार्यक्रम का विषय है 'न्यूरो इंफेक्शन अपडेट -2022' है। BHU के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में यह आयोजन हो रहा है।

BHU के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में लखनऊ एसजीपीजीआई, रांची समेत देश भर के डॉक्टरों, न्यूरो सर्जन और न्यूरो साइंटिस्ट की जुटे हैं। 20 व्याख्यानों में बंटे इस कांफ्रेंस में न्यूरो से जुड़ीं बीमारियां, उनके इलाज और नए रिसर्च पर चर्चा होगी। कार्यक्रम के आयोजक और न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर वीएन मिश्रा ने कहा कि यह कांफ्रेंस आगामी दिनों में न्यूरो संबंधित बीमारियों के उपचार में कारगर साबित होगा। कई नए समाधान यहां पर मिलेंगे। आज पहले दिन के कांफ्रेंस में ओवरव्यू ऑफ एक्यूट इंफेक्शन एंड अप्रोच, जर्नी ऑफ न्यूरोलॉजिस्ट थ्रू जापेनिज इंसेफेलाइटिस, टीबीएम की चुनौतियों, HIV, CNS इंफेक्शन आदि विषयों पर लेक्चर्स होंगे।

हमें जापानी बुखार, चमकी, लकवा और मिर्गी के इंफेक्शन पर बात करनी चाहिए

आज कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद रेक्टर प्रोफेसर वीके. शुक्ला ने कहा कि इधर-बीच न्यूरो के क्षेत्र में इंफेक्शन काफी बढ़ा है। जापानी बुखार, चमकी, लकवा और मिर्गी के इंफेक्शन पर हमें बात करनी चाहिए। उम्मीद है कि यहां पर आए डॉक्टर्स न्यूरो की बढ़ती समस्याओं से निबटने का बेहतर रास्ता सुझाएंगे। इससे देश को फायदा होगा। प्रो. शुक्ला ने बताया कि IMS-BHU लगातार इस क्षेत्र में अपनी सुविधाएं बढ़ा रहा है। प्रो. वीएन मिश्रा ने कहा कि देश ने कोविड के समय से ही बहुत से इंफेक्शंस देखें है। दिमाग या न्यूरो सिस्टम पर इंफेक्शन से काफी नुकसान हुआ है। इन इंफेक्शन से कैसे बचें और उसका बेहतर से बेहतर उपचार क्या हो, इसके लिए दो दिनों का मंथन चल रहा है।

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