सदियों पुरानी सार्वजनिक तालाब को समतल कर किया अवैध प्लाटिंग
क्रेतागणो द्वारा विकास प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृत करायें बिना किया जा रहा है अवैध भवन का निर्माण

वाराणसी। जल संरक्षण एवं सार्वजनिक उपयोग के लिए एक तरफ तालाबों को संरक्षित कर सुन्दरीकरण किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ भूमाफियाओ ने क्षेत्र के लेखपालों को मिलाकर सदियों पुरानी सार्वजनिक तालाब को समतल कर दिया जा रहा है और विकास प्राधिकरण से ले-आउट स्वीकृत करायें बिना ही अवैध प्लाटिंग कर विक्रय किया जा रहा है, ऐसा ही प्रकरण बजरडीहा स्थित मकदूमबाबा मुहल्ले के हरिजन बस्ती स्थित तड़वाबीर बाबा के समीप देखने को मिल रहा है।
हरिजन बस्ती में सदियों पुरानी तालाब का उपयोग सार्वजनिक रूप से किया जा रहा था, उस दौरान क्षेत्र के भूमाफिया मोहम्मद स्येव की नजर उक्त सदियों पुरानी तालाब पर पड़ गयी। स्येव ने क्षेत्रीय लोगों के विरोध के वावजूद जबरदस्ती तालाब को समतल कर दिया। उस दौरान हरिजन बस्ती के निवासी दिनेश, शोभनाथ आदि ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराया तो परिणामस्वरूप स्थानीय पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही हिरासत में लेकर सदियों पुरानी तालाब को समतल कराने में भूमाफियाओं की मदद किया। क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा सूचना जिला प्रशासन को दी गयी तो क्षेत्रीय लेखपाल रंजीत जायसवाल ने फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा-दफा कर दिया।
भूमाफियाओं ने हरिजन बस्ती स्थित तालाब को समतल कर विकास प्राधिकरण से ले-आउट स्वीकृत करायें वगैर ही अवैध प्लाटिंग कर कुछ प्लांट को विक्रय कर दिया है और कुछ प्लांट रिक्त पड़ा हुआ है। प्लांट के क्रेतागणो द्वारा उक्त भूमि पर विकास प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृत करायें बगैर ही अवैध भवन का निर्माण धड़ल्ले से बेखौफ कराया जा रहा है और विकास प्राधिकरण मौन है।
हरिजन बस्ती निवासी दिनेश का आरोप है कि भूमाफिया मोहम्मद स्येव ने क्षेत्रीय लेखपाल व पुलिस को अपने साजिश में लेकर सदियों पुरानी सार्वजनिक तालाब को कूड़े व मिट्टी से समतल कर प्लाटिंग कर दिया गया। जिसपर क्रेतागण विकास प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृत करायें बिना ही अवैध भवन का निर्माण कर रहे हैं। जिससे क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।
What's Your Reaction?






