पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

वाराणसी पत्रकार सुरक्षा कानून पारित करने के लिए पत्रकारों का एक समूह जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपा।जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ सरकार ने पत्रकार सुरक्षा कानून पारित किया उसी भाँति उत्तर प्रदेश में भी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होना चाहिए है।
उत्तर प्रदेश में जनहित की पत्रकारिता करनें वाले पत्रकार बंधुओं और उनके परिवार को एक के बाद एक तमाम तरह से प्रताड़ित किया जाता रहा हैं।मारपीट,हमले, हत्या और फर्जी झूठे मुकदमों से पत्रकार और उनके परिवारों का जीना दुस्वार किया जा रहा हैं।जिससे पत्रकार व उसका परिवार शारीरिक मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न के साथ भय भरे माहौल में जी रहा है। लगातार हो रहे पत्रकारों एवं उनके परिवारों के साथ दुर्व्यवहार के कारण स्वतंत्र पत्रकारिता में बड़ा व्यवधान पड़ रहा है जो स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र के लिये अत्यंत ही निंदनीय विषय है।जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार को भी बिना समय गवाए अविलंब सकारात्मक निर्णय लेना अति आवश्यक है।यही नही वर्तमान समय मे बिगड़ते हालातों को गम्भीरता से लेकर उत्तर प्रदेश में भी छत्तीसगढ़ की भाँति पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाना अति आवश्यक है। जिसको लेकर पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी वाराणसी को ज्ञापन दिया।जिलाधिकारी की ओर से अपर जिलाधिकारी ने ज्ञापन को लेते हुए पत्रकारों के इस आवाज को जल्द से जल्द विचार करने को कहा।
उक्त अवसर पर डॉ सुनील जायसवाल,कृष्णा सिंह,मो. आरिफ,नीरज सिंह,मनीष जायसवाल,बजंरग बली तिवारी,देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, विनय मौर्या,मो. कलाम खान,बबलू चौरसिया, अभिषेक जायसवाल,अभय मिश्रा,मो. तौफ़ीक़ खान, श्रीकांत उपाध्याय सहित अन्य पत्रकार बंधु मौजूद रहे।
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