सरकार के मंशा के विपरीत भूमाफियाओं ने पाट दिया सदियों पुरानी तालाब/पोखरी
भूमाफिया बेखौफ बिक्रय कर रहे हैं तालाब/पोखरी की भूमि, प्रशासन मौन

वाराणसी। एक तरफ योगी सरकार तालाब/ पोखरी की सुंदरीकरण कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ भूमाफिया बेखौफ होकर तालाब/पोखरी पाटकर बिक्रय कर रहे हैं और प्रशासन मौन है। ऐसी ही वानगी भेलूपुर थाना क्षेत्र के बजरडीहा के मकदूमबाबा मुहल्ले में देखने को मिला, जहां चार विस्वा क्षेत्रफल में फैली सदियों पुरानी पोखरी को भू-माफियाओं ने क्षेत्रीय नागरिकों के विरोध के वावजूद पुलिस की सांठगांठ से पाटकर समतल कर दिया और उसका थड़ल्ले से बिक्रय भी किया जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय नागरिकों में जबरदस्त रोष व्याप्त है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पांडेपुर निवासी दिनेश त्रिपाठी व बजरडीहा स्थित धरहरा निवासी स्येव ने नाजायज गोलबन्द होकर पुलिस से सांठगांठ कर मकदूमबाबा मुहल्ले में दहशत कायम कर सदियों पुरानी पोखरी को कूड़ा व मिट्टी से पटवा दिया। सरकारी पोखरी को पाटे जाने का क्षेत्रीय नागरिकों ने जबरदस्त विरोध किया तो स्थानीय पुलिस ने भूमाफियाओं का साथ देते हुए हिरासत में ले लिया। पीड़ित दिनेश त्यागी ने बताया कि भूमाफियाओं को स्थानीय पुलिस का संरक्षण प्राप्त है इसलिए भूमाफिया बेखौफ होकर सदियों पुरानी लगभग बीस फीट गहरी पोखरी को कूड़ा व मिट्टी से पाटकर कब्जा करने में सफल हो गये।
बजरडीहा निवासी राजु गौड़ का आरोप है कि भूमाफियाओं के नाजायज गोल के सदस्य बजरडीहा निवासी बचाऊ ने सस्ता जमीन दिलाने का झांसा देकर भूमाफिया दिनेश त्रिपाठी के पास ले गया और दिनेश त्रिपाठी ने बयाना के रुप में पचास हजार रुपया ठग लिया। आरोप है कि भूमाफिया दिनेश त्रिपाठी ने अन्यत्र स्थान का मकान नम्बर एन 12/292ए का पीला कार्ड दिखाया जिसपर बजरडीहा निवासी स्येव अंसारी का नाम अंकित था। उक्त स्थान पर स्येव अंसारी का न तो कोई भूमि है और न ही कोई मकान का निर्माण ही हुआ है। जांच पड़ताल के पश्चात भू-माफिया अपने को फंसता देख पीड़ित का बयाना रुपया का आंशिक अंश वापस कर धोखाधड़ी करते हुए पूरे रुपये वापसी का पावतीपत्र तैयार करा लिया गया, जिससे क्षुव्ध पीड़ित ने पुलिस से गुहार लगाया। आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने दोनो पक्षो को पुलिस चौकी बुलाया गया, पीड़ित भी विवादित पावतीपत्र के गवाहों सहित अन्य साक्ष्य लेकर पहुंचा तो पुलिस ने आरोपियों से विवादित पावतीपत्र को बरामद कर लिया, जिससे सस्ता भूमि देने का झांसा देकर पचास हजार रुपया ठगने की पुष्टि होने के वावजूद भी भूमाफियाओं पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नही किया।
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