काशी-तमिल संगमम में अनोखी पाठशाला काशीवासियों में बढ़ी तमिल सीखने की ललक

काशी-तमिल संगमम में अनोखी पाठशाला काशीवासियों में बढ़ी तमिल सीखने की ललक

काशी-तमिल संगमम में अनोखी पाठशाला काशीवासियों में बढ़ी तमिल सीखने की ललक
4 दिन में बिकी 200 किताब 


काशी-तमिल संगमम् 3.0 अपना सार्थक प्रभाव छाेड़ता नजर आ रहा है। संगमम् में विविध संस्थानों द्वारा लगाई गईं पुस्तक प्रदर्शनियों पर लोग तमिल भाषा सिखाने वाली पुस्तकें ढूंढ रहे हैं, उपलब्ध पुस्तकों के पन्ने पलट रहे हैं। टी मथनराज ने बताया NBT द्वारा हिंदी व अंग्रेजी से तमिल सिखाने वाली 200 से अधिक पुस्तकें अब तक बिक चुकी हैं।

इस आयोजन में विभिन्न स्टॉल लगे हैं। इन स्टॉल के बीच तमिल भाषा से जुड़ी तमाम पुस्तकें व साहित्य सजा हुआ है। जिसमें उत्तर भारत के छात्र दक्षिण भारत के महाकवि और साहित्यकारों के अलावा वहां की भाषा की पुस्तकें पसन्द कर रहे हैं। इन पुस्तकों के जरिए यहां के छात्रों को वहां के किस्से कहानियों के अलावा संस्कृति, कला और साहित्य को पढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा काशी से तमिलनाडु के धार्मिक बंधन के साथ दोनों राज्यों के व्यापारिक बंधन के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। 

नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़े कर्मचारी ने बताया कि इस आयोजन में ये स्टॉल छात्र छात्राओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इसके जरिए लोग दक्षिण भारत के उन बातों के बारे में जानकारी ले रहे हैं जो शायद ही उन्होंने इसके पहले कभी सुनी होंगी। नमो घाट पर घुमने गये वसंत कन्या महाविद्यालय की छात्रा सुमन ने कहा इस अनोखे स्टॉल से उन्हें बहुत दुर्लभ जानकारी भी मिल रही है जो बेहद ही उपयोगी है।

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