आरबीएसके के तहत निःशुल्क होगा अंकित व अंश के दिल का इलाज

वाराणसी, 18 नवंबर 2022 – जन्म से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों के स्वास्थ्य और उनेक उपचार के उद्देश्य से जनपद में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) पर पूरा ज़ोर दिया जा रहा है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि दो बच्चों के हृदय रोग (कंजीनाइटिल हार्ट डिजीज-सीएचडी) से ग्रसित होने पर निःशुल्क इलाज के लिए रास्ता साफ हो गया है शुक्रवार को उन्हें शासन की ओर से हृदय रोग के इलाज के लिए चिन्हित अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज रेफर किया गया है । जल्द ही दोनों बच्चों का निःशुल्क इलाज किया जाएगा ।

आरबीएसके के तहत निःशुल्क होगा अंकित व अंश के दिल का इलाज

आरबीएसके के तहत निःशुल्क होगा अंकित व अंश के दिल का इलाज 

स्वास्थ्य विभाग ने चिन्हित कर अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज किया रेफर 

वाराणसी, 18 नवंबर 2022 – जन्म से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों के स्वास्थ्य और उनेक उपचार के उद्देश्य से जनपद में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) पर पूरा ज़ोर दिया जा रहा है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि दो बच्चों के हृदय रोग (कंजीनाइटिल हार्ट डिजीज-सीएचडी) से ग्रसित होने पर निःशुल्क इलाज के लिए रास्ता साफ हो गया है शुक्रवार को उन्हें शासन की ओर से हृदय रोग के इलाज के लिए चिन्हित अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज रेफर किया गया है । जल्द ही दोनों बच्चों का निःशुल्क इलाज किया जाएगा ।

  
 सीएमओ ने कहा कि आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत 40 बीमारियों व जन्मजात विकृतियों के लिए निःशुल्क इलाज के लिए शासन की ओर से अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज में निःशुल्क ऑपरेशन का सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होने कहा कि दोनों परिवारों के पास इतना धन नहीं है कि किसी बड़े में अस्पताल में इलाज करा सकें।

उन्होने बताया कि आरबीएसके के अंतर्गत जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में 16 टीमें कार्यरत हैं जो प्रत्येक गाँव में विजिट कर जन्मजात दोषों की पहचान करती हैं एवं उनके उपचार के लिए प्रयास करती है । 
 आरबीएसके के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने बताया कि कुछ दिवस पूर्व आरबीएसके हरहुआ टीम ने भ्रमण कर बच्चों की स्क्रीनिंग की तो उन्हें 11 साल के अंकित और पाँच माह के अंश के अंदर सीएचडी से लक्षण देखें । परिजनों से बातचीत कर पता चला कि बहुत दिनों से बीमारी को लेकर परेशान थे ।

लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह इसका खर्च नहीं उठा पा रहे थे । दोनों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय जांच के लिए भेजा गया । जांच में हृदय रोग की बीमारी की पुष्टि हुई और दोनों को इलाज के लिए चिन्हित किया गया । इसके बाद सीएचडी के लिए चिन्हित अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज से निःशुल्क इलाज के लिए अनुमति ली ।

शुक्रवार को समस्त कार्रवाई करते हुये निःशुल्क इलाज के लिए अनुमति प्राप्त हो गयी है । अगले कुछ दिनों में अंकित और अंश का निःशुल्क इलाज होगा । उन्होने बताया कि जन्मजात दोषों में सीएचडी हृदय की एक गंभीर जन्मजात दोष है ।

सामान्यतः इसके उपचार में चार से पाँच लाख रुपये का खर्च लगता है, जोकि आरबीएसके योजना के अंतर्गत निःशुल्क इलाज किया जाता है । इस साल अभी तक सीएचडी के 07 बच्चे चिन्हित किए गए, जिसमें से 02 बच्चों का इलाज हो चुका है शेष बच्चों का जल्द ही निःशुल्क इलाज होगा ।       
 डॉ मौर्य ने बताया कि सीएचडी में प्रायः बच्चों में सबसे सामान्य लक्षण हाथ, पैर, जीभ का नीला पड़ जाना, ठीक तरह से सांस न ले पाना और माँ का दूध ठीक तरह से नहीं पी पाना एवं खेल-कूद में जल्दी थक जाना दिखते हैं ।

इस जन्मजात दोषों से बच्चों को बचाने के लिए गर्भावस्था के प्रारम्भ से तीन माह तक फोलिक एसिड एवं चौथे माह की शुरुआत से प्रतिदिन आयरन एवं फोलिक एसिड की एक-एक लाल गोली खिलाई जानी चाहिए। यदि गर्भवती में खून की कमी (एनीमिया) है तो उसको प्रतिदिन आयरन की दो लाल गोली खानी चाहिए।

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