लाट भैरव मंदिर  के अतिक्रमण को मुक्त कराने के ली भाजपानेता शशांक सखे त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री सहितप्रमुख सचिव गृह को  लिखी चिठ्ठी 

लाट भैरव मंदिर  के अतिक्रमण को मुक्त कराने के ली भाजपानेता शशांक सखे त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री सहितप्रमुख सचिव गृह को  लिखी चिठ्ठी ज्ञानवापी का प्रकरण अभी ठसंदा भी नहींहुआ है की लात भराव मंदिर का प्रकरण भी गरमाने में भाजपानेता जुट गए गये  इसी क्रम में भाजपा नेता कशी क्षेत्र के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक शशांक शेखर त्रिपाठी ने मुमंत्री को सम्बोधित एक पत्र जिसकी प्रतिलिपि जिला सधिकारी वाराणसी 

लाट भैरव मंदिर  के अतिक्रमण को मुक्त कराने के ली भाजपानेता शशांक सखे त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री सहितप्रमुख सचिव गृह को  लिखी चिठ्ठी 
लाट भैरव मंदिर  के अतिक्रमण को मुक्त कराने के ली भाजपानेता शशांक सखे त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री सहितप्रमुख सचिव गृह को  लिखी चिठ्ठी 
ज्ञानवापी का प्रकरण अभी ठसंदा भी नहींहुआ है की लात भराव मंदिर का प्रकरण भी गरमाने में भाजपानेता जुट गए गये  इसी क्रम में भाजपा नेता कशी क्षेत्र के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक शशांक शेखर त्रिपाठी ने मुमंत्री को सम्बोधित एक पत्र जिसकी प्रतिलिपि जिला सधिकारी वाराणसी 
 



 कमिश्नर वाराणसी मंडल महोदय निवेदन है कि प्रार्थी शशांक शेखर त्रिपाठी अधिवक्ता भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र का संयोजक है तथा निम्नलिखित निवेदन करता हैकमिश्नर प्रमुख सचिव गृ ह सहित कई जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखा है  पत्र कुछ इस प्रकार से है 

सेवा में,
 श्रीमान मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार
 योगी आदित्यनाथ जी महाराज
 बजरिया
 जिलाधिकारी वाराणसी/

 जैसा कि आप सभी जानते हैं कि, हमारे देश में गुलामी के दौर से लेकर आज तक विधर्मी समाज द्वारा ,हिंदुओं के सनातन धार्मिक केंद्रों पर लगातार तोड़फोड़ और अतिक्रमण करना जारी रहा है! जो कि देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाली रिपोर्ट्स से स्पष्ट हो जाती है !
      अभी पिछले दिनों, बाहर से आए कुछ मित्रों को लेकर मैं ,काशी के एक पौराणिक पूजा स्थल ,"लाट भैरव" का दर्शन पूजन करने कराने हेतु गया था! परंतु मुझे अपने वाहन को वहाँ ,ब्यस्ततम् मुख्य सड़क पर ही खड़ा करना पड़ा, क्योंकि मंदिर जाने के मार्ग को, एक समुदाय विशेष द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया था! जैसा कि मेरे द्वारा संलग्न चित्रों से आपको स्पष्ट हो रहा होगा!
    काशी के पौराणिक तीर्थ स्थलों में से एक प्रसिद्ध लाट भैरव मन्दिर के ध्वंसावशेष भूभाग पर, हालांकि पूर्वकाल में ही,बलात तौर पर,उसके विस्तृत क्षेत्र पर मुस्लिम काबिज हो चुके थे, जिसके अन्तर्गत पश्चिम तरफ कज्जाकपुरा की बड़ी मस्जिद स्थित है,जिसका पूर्वी दरवाजा, शेष बचे लाट भैरव के पक्के चबूतरे पर ही खुलता है, जबकि पूरब की तरफ के बड़े भूभाग पर, बिना बाउन्ड्री किये हुए एक मजार का क्षेत्र कायम कर लिया गया है! फलत: मुस्लिम समाज का मस्जिद से मजार तक का आमदरफ्त बेरोकटोक मन्दिर परिसर से कायम रहता है।


   ???? पुर्वकाल में चारों तरफ से बाग बगीचों के बीच साधू संतों के कुटिया और मठों से आच्छादित रहे,यहां के सुरम्य परिसर में,मन्दिर के सामने ही लाट भैरव तालाब अवस्थित रहा है, जिसका कि अभी योगीजी की पिछली सरकार द्वारा पुनर्निर्माण करा दिया गया है। इस 'लाट भैरव' तालाब के दोनों तरफ से, बाहर जाने का रास्ता तो रहा है, परन्तु उनमें से एक,दक्षिणी किनारे मार्ग से निकलने पर उसके सामने ही कभी एक बड़ा सा कब्रिस्तान का क्षेत्र बना दिया गया था , जिससे सरकारी प्रयासों के बाद भी,इस पक्के मार्ग को, मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा जा सका है अब लाट भैरव जाने को, मुख्य सड़क से एक मात्र रास्ता,मस्जिद के किनारे से होकर ही जाने को ,शेष बचा है! परन्तु अफसोस,रास्ते पर मुड़ते ही यहाँ एक नवजात यानी नये कब्र की उपस्थिति दर्ज करा दी गई है ! और उसके पास में ही ईटों और बालू आदि की मौजूदगी से मार्ग को किसी वाहन के आने जाने को बाधित कर दिया गया है। और अगर जिला प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो, यहाँ पर ईंट- बालू आदि सामग्री की मौजूदगी से स्पष्ट हो रहा है कि, कुछ विशेष पक्के निर्माण को अंजाम देने की प्रक्रिया को वे निश्चित तौर पर ही, यहां प्रारम्भ कर सकते है। चूंकि पहले से ही यहाँ, लाट भैरव के विस्तृत पावन क्षेत्र में , बड़ी संख्या में मुस्लिमों की मौजूदगी लगातार कायम रहती है, और खासकर इस क्षेत्र में हिंदुओं की संख्या किसी कारण से,अब काफी कम हो चुकी है, तो वे अब , अपने इस प्राचीन आराध्य देव मन्दिर दर्शन जाने से भी कतराते हैं, घबराते हैं । आबादी के संतुलन के बिगड़ जाने का नतीजा ये रहा है कि,अब मंदिर के सामने स्थित लाट भैरव तालाब के चौड़ाई के आधे के बराबर भी 'लाट भैरव मंदिर' के क्षेत्र की स्थिति नहीं रह गई है।
      फिलहाल जिला प्रशासन से ऐसी अपेक्षा है कि, वे  मन्दिर मार्ग यानी मन्दिर जाने के रास्ते को, इस 'नवजात नये मजार' के अतिक्रमण से मुक्त कराने का प्रयास करे, ताकि काशी की गरिमा के अनुरूप यहाँ किसी धार्मिक संघर्ष की आहट से बचा जा सके। क्योंकि इन अतिक्रमणकारियों को इतना तक ज्ञान नहीं है कि वे, अपने परपितामहों के आराध्य देव लाट भैरव के पूजन हेतु जाने वाले उनके अपने ही पूर्वजों के भाइयों- रिश्तेदारों के वंशजों के धार्मिक रास्तों कोअवरुद्ध कर वे कितना दुराग्रह पूर्ण कार्य कर रहे हैं !



आपसे विनम्र निवेदन है कि तत्काल अवैध निर्माण पर रोक लगाकर अवैध रूप से बनी नई मजार को हटवा कर मंदिर की तरफ जाने का रास्ता साफ करवाया जाए अन्यथा की भी किसी भी दिन कानून व्यवस्था का संकट उत्पन्न हो सकता है।
 प्रार्थी
 शशांक शेखर त्रिपाठी अधिवक्ता
 संयोजक
 भारतीय जनता पार्टी
विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र 9454 35 4173

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