निर्णय क्षमता का विकास करती है शतरंज: कर्नल विनोद

निर्णय क्षमता का विकास करती है शतरंज: कर्नल विनोद

निर्णय क्षमता का विकास करती है शतरंज: कर्नल विनोद
डाककर्मियों के लिए शतरंज कार्यशाला का आयोजन
             कर्नल विनोद पीएमजी वाराणसी के अनुसार कार्यालय के एकरूपता एवं बोरियत भरे माहौल में स्फूर्ति और ऊर्जा का प्रसार करने में दिमागी खेल शतरंज का बड़ा योगदान है; वह शनिवार को वाराणसी परिक्षेत्र कर्मियों के लिये आयोजित कार्यशाला के शुभारम्भ करते समय सभागार में संबोधित कर रहे थे| शतरंज के नियमित अभ्यास से वृद्धावस्था में अक्सर होने वाले अल्जाइमर बीमारी से भी बचा जा सकता है क्योंकि शतरंज के खेल में खिलाडी अपनी चालों के साथ-साथ विरोधी खिलाडी की हर चाल पर भी नज़र रखनी होती है जिसके चलते शरीर के प्रत्येक कोशिका का विकास विशेष तौर पर मस्तिष्क कोशिकाओं में ऊर्जा का संचार होता है|
                क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी के सभागार में आज शतरंज की कार्यशाला का आयोजन किया गया| कार्यशाला की शुरुआत सहायक अधीक्षक श्रीमती पल्लवी मिश्रा द्वारा पोस्टमास्टर जनरल कर्नल विनोद कुमार, वाराणसी जिला शतरंज संगठन के महासचिव श्री विजय कुमार एवं अन्तर्राष्ट्रीय मानक के शतरंज खिलाडी एवं सीनियर राष्ट्रीय आर्बिटर में शतरंज के निर्णायक श्री तुषार सारस्वत का स्वागत कर की गयी|


कार्यशाला के दौरान क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी के समस्त डाककर्मियों को शतरंज के महत्व, शतरंज के गोटियों जैसे राजा, रानी, ऊंट, घोडा, हाथी एवं प्यादों के चाल को सिखाया गया| राजा का विशेष चाल जिसमें राजा द्वारा हाथी से स्थान बदला जाता है अर्थात् कसेलिंग के बारे में डाककर्मियों ने रूचि के साथ सीखा| शतरंज के खेल में प्यादों की चाल पर भी चर्चा की गयी एवं यह बताया गया कि कैसे एक प्यादा अपनी पूरी चाल से प्रोन्नत होकर रानी, ऊंट, घोडा, हाथी में बदल सकता है| निरीक्षक अनिकेत रंजन ने कौतुहलवश शतरंज के अन्य चाल पर प्रश्न पूछा| शतरंज के सभी पहलुओं को विस्तार से समझने के उपरान्त डाककर्मियों के मध्य अभ्यास मैच भी कराया गया जिसमें सभी ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया|
कार्यशाला को संचालित कर रहे श्री तुषार ने शतरंज के प्रति डाक कर्मियों की रूचि की सराहना की एवं यह विश्वास दिलाया कि निश्चित ही आपमें से कोई इस खेल में उच्च स्तर का सफ़र तय करेंगे|
              श्री प्लाबन नस्कर लेखाधिकारी ने इस कार्यशाला के सफलतापूर्वक संचालन हेतु पोस्टमास्टर जनरल महोदय, कार्यशाला के प्रशिक्षक एवं क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी के  डाककर्मियों का आभार प्रकट किया| कार्यशाला के समापन के दौरान डाककर्मी शम्भू प्रसाद गुप्ता, सौरभ कुमार, नौशाद, आनंद प्रधान, मनीष मिश्र एवं अन्य सभी  ने पोस्टमास्टर जनरल को इस अप्रतिम कार्यशाला के क्रियान्वन हेतु अपना आभार प्रकट किया| विक्की कुमार ने बताया कि इससे पूर्व वह मात्र क्रिकेट में ही रूचि रखते थे परन्तु इस कार्यशाला के पश्चात् उनकी रूचि शतरंज के खेल में बढ़ गयी है एवं अब इस खेल को वह हमेशा खेलेंगे| पंकज कुमार अब शतरंज के खेल को एक हॉबी की तरह देखते हैं|

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