नवरात्र के सातवें दिन देवी कालरात्रि का पूजन,विश्वनाथ मंदिर के पास है माता का भव्य मंदिर

नवरात्र के सातवें दिन देवी कालरात्रि का पूजन,विश्वनाथ मंदिर के पास है माता का भव्य मंदिर

आज सप्तमी तिथि है, इस दिन मां दुर्गा के सातवें रूप कालरात्रि देवी, जिन्हें हम मां काली भी कहते है उनके दर्शन का विधान है। जहां देर रात से ही श्रद्धालु कतारबद्ध हो गए थे। मंगला आरती के बाद माता का दरबार श्रद्धालओं के लिए खोल दिया गया। माता का दर्शन रात तक चलेगा। कहा जाता है कि माता के मंदिर जो भी भक्त शीष झुकाता है और उनसे जो भी कुछ मांगता है, मां उसे जरूर पूरा करती हैं। चार भुजाओं वाली माता का स्वरूप दिखने में जितना विकराल लगता है, असल में उतना है नहीं। माता काफी सौम्य स्वभाव की है और उनके दर्शन मात्र से ही सभी नकारात्मक शक्तियां दूर चली जाती है।
चैत्र नवरात्रि : सातवां दिन है मां कालरात्रि को समर्पित, दर्शन मात्र से ही नकारात्मक शक्तियां होती है दूरदुर्गा पूजा का सातवां दिन तांत्रिक क्रिया की साधना करने वाले भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। सप्तमी पूजा के दिन तंत्र साधना करने वाले साधक मध्य रात्रि में देवी की तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं। इस दिन मां की आंखें खुलती हैं। सप्तमी की रात्रि 'सिद्धियों' की रात भी कही जाती है। कुण्डलिनी जागरण हेतु जो साधक साधना में लगे होते हैं इस दिन सहस्त्रसार चक्र का भेदन करते हैं। सप्तमी को देवी की पूजा के बाद शिव और ब्रह्मा जी की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow