स्वास्थ्य विभाग ने मनाया विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

varanasi  liveupweb      वाराणसी। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर मंगलवार को राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न जगहों पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। एक ओर जनपद के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन जागरूकता

स्वास्थ्य विभाग ने मनाया विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

varanasi  liveupweb      वाराणसी। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर मंगलवार को राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न जगहों पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। एक ओर जनपद के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन जागरूकता गतिविधियाँ की गईं। तो वहीं दूसरी ओर पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पांडेयपुर पर हस्ताक्षर अभियान, विधिक साक्षरता एवं संगोष्ठी का का आयोजन किया गया। इसके साथ ही सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से अस्सी घाट पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। 


       विधिक सचिव कुमुद लता त्रिपाठी द्वारा पं0 दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगो को बताया गया कि विश्व में लगभग 60 लाख लोग हर साल तम्बाकू सेवन से अपनी जान गवाते है। तम्बाकू के सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है और तम्बाकू सेवन करने वाला व्यक्ति मानसिक रोगों से पीड़ित हो जाता है। तम्बाकू के सेवन से न केवल कैंसर होता है बल्कि हृदयरोग, मधुमेंह, टीबी (क्षय रोग), अमिघात (लकवा), दृष्टिविहिनता, फेफड़े के रोग होता हैं एवं खेत खलिहान भी बेचना पड़ता है और अपने परिवार को आर्थिक विपत्ति मे डाल देता है। धूम्रपान करने वाला व्यक्ति न केवल अपने जीवन के लिए बल्कि अपने परिवार व समाज के लिए कैंसर का खतरा पैदा करता है। तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के अर्न्तगत धारा-4 के अर्न्तगतह सार्वजनिक स्थान (जैसे सभागृह,
अस्पताल भवन, रेलवे स्टेशन प्रतीक्षालय, मनोरंजन केन्द्र, रेस्टोरेट, शासकीय कार्यालयों, न्यायालय परिसर, शिक्षण संस्थानों, पुस्तकालय, लोक परिवहन) एवं अन्य कार्यस्थलों में धुम्रपान करना अपराध है। उन्होंने लोगो से अपील की, कि आप यदि तंबाकू का सेवन करते हो तो इस खराब आदत को तुरन्त छोड़ दे, अन्यथा यह आपको व आपके परिवार को बहुत ही शारीरिक, आर्थिक और मानसिक क्षति पहुँचायेगा। तंबाकू मुक्त रहें और स्वस्थ जीवन यापन करें। साथ ही शपथ दिलाई गयी कि हम धुम्रपान एवं तम्बाकू उत्पाद का सेवन नहीं करेगें। हम अपने बच्चों एवं समाज को तम्बाकू से
दूर रखेंगे एवं समाज को होने वाले क्षति से बचायेंगे हम तम्बाकू कम्पनियों से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं लेगें न ही उन्हें किसी प्रकार का सहयोग करेगें।
        मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन डीडीयू चिकित्सालय के सभागार में जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान  में जन-जागरूकता हस्ताक्षर अभियान, विधिक साक्षरता एवं जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रमुख चिकित्साधीक्षक डॉ आरके सिंह एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुदलता त्रिपाठी ने किया। इस मौके पर सभी ने संकल्प लिया कि हम कभी भी धूम्रपान एवं तम्बाकू उत्पाद का सेवन नहीं करेंगे। हम अपने बच्चों एवं समाज को तम्बाकू से दूर रखेंगे एवं समाज को होने वाले क्षति से बचायेंगे। हम तम्बाकू कम्पनियों से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं लेगे और न ही उन्हें सहयोग करेंगें

। 
 इस दौरान डॉ आरके सिंह ने कहा कि तंबाकू एवं इससे बने पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा नुकसानदायक हैं। धूम्रपान करने वाले अपने साथ ही आस-पास रहने वालों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। धूम्रपान करने वाले के फेफड़े तक केवल 30 फीसद धुआं पहुँचता है बाकी 70 फीसद धुआं निकटतम लोगों को प्रभावित करता है | उन्होने कहा कि तंबाकू सेवन की आदत को छोड़ें और पर्यावरण को बचाने में अमूल्य सहयोग करें। सचिव कुमुदलता त्रिपाठी ने तम्बाकू नियंत्रण अभिनियम 2003 (कोटपा) के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि तम्बाकू मुक्त समाज का निर्माण करने के लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता है। सह नोडल अधिकारी डॉ अतुल सिंह ने कहा कि अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं लेकिन आपके आस-पास कोई धूम्रपान करता है तो यह धुआं सिगरेट न पीने वाले के फेफड़ों में पहुँच जाता है| जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के जिला सलाहकार डॉ सौरभ प्रताप सिंह ने कहा कि सेकंड हैण्ड स्मोकिंग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों और गर्भवती पर होता है| विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु की वजह सेकंड हैण्ड स्मोकिंग है।
       संगोष्ठी में चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरके यादव, सामाजिक कार्यकर्ता संगीता सिंह, साईकोलोजिस्ट अजय श्रीवास्तव, एलटी गौरव सिंह, सतीश कुमार एवं अन्य चिकित्सक, अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।  

*नुक्कड़ नाटक के जरिये किया जागरूक * 
         स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से अस्सी घाट पर नुक्कड नाटक शीर्षक ‘कहे फकीरा’ के जरिए लोगों को तम्बाकू सेवन से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया गया। लोगों को धूम्रपान से होने वाली गंभीर बीमारियों के बारे में आगाह करते हुए इस लत से तौबा करने का संदेश भी दिया । इसके साथ ही सलाह दी गई कि यदि स्वस्थ जीवन चाहिए तो हर हाल में धूम्रपान से बचना होगा । नुक्कड़ नाटक देखने के लिए अस्सी घाट पर जुटी भीड़ ने मंच दूतम के कलाकारों की इस शानदार प्रस्तुति को काफी सराहा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow