वाराणसी में इसरो के चेयरमैन बोले: गगनयान-2 की लांचिंग के लिए इस्केप सिस्टम तैयार, इसी साल भेजा जाएगा अंतरिक्ष -

देश में गगनयान-2 सैटेलाइट के लांचिंग की दिशा में तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके लिए एयरफोर्स के चयनित चार जवानों की रूस में ट्रेनिंग चल रही है। सब कुछ ठीक रहा तो इस साल के अंत तक जवानों की ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी। इन लोगों को ही स्पेस में भेजे जाने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद लांचिंग की तैयारी होगी। यह कहना है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन सोमनाथ एस का। आईआईटी बीएचयू के गेस्ट हाउस में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने बताया कि गगनयान की लांचिंग के लिए स्केप सिस्टम को भी तैयार किया जाएगा। इसका उद्देश्य जिस भी यात्री को स्पेस में भेजा जाए, वह सुरक्षित लौटे।

वाराणसी में इसरो के चेयरमैन बोले: गगनयान-2 की लांचिंग के लिए इस्केप सिस्टम तैयार, इसी साल भेजा जाएगा अंतरिक्ष -

चंद्रयान-3 को लेकर भी तेजी से चल रहा काम
आईआईटी बीएचयू के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए सोमनाथ एस ने बताया कि गगनयान की लाचिंग से पहले स्पेस में जाने वालों को होने वाली समस्याओं पर चर्चा की जा रही है। फिलहाल रॉकेट के एबॉर्ट सिस्टम पर जो काम चल रहा है, उसमें इस साल के अंत तक सफलता मिलने की उम्मीद है। एक सवाल के जवाब में इसरो के चेयरमैन ने कहा कि चंद्रयान-3 को लेकर भी काम तेजी से चल रहा है। 


देश की सभी आईआईटी में खुलेंगे स्पेस सेंटर
इसरो प्रमुख ने कहा कि देश की सभी आईआईटी में स्पेस सेंटर खोला जाएगा। इससे स्पेस के क्षेत्र में शोध करने वाले वैज्ञानिकों, छात्रों के कार्य को बढ़ावा मिलेगा। रॉकेट उपग्रह के लिए लैब बनाए जाने सहित अन्य दिशा में काम होगा। आईआईटी बीएचयू और इसरो के सहयोग से कई प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा। फिलहाल रीजनल एकेडमिक सेंटर फॉर स्पेस आईआईटी बीएचयू में चल रहा है। इस पर कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। एक आईआईटी में स्पेस यूनिट बनाई जानी है। स्पेस गारबेज को लेकर भी इसरो ने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश के देवांचल में एक ऑप्टिकल टेलीस्कोप भी लगाया जाएगा। इसके सहयोग से गारबेज की समस्या का समाधान होगा। 
पहला सेमी क्रायोजेनिक इंजन तीन माह बाद होगा लांच
इसरो चेयरमैन सोमनाथ एस ने बातचीत में कहा कि इसरो की ओर से तीन माह बाद सेमी क्रायोजेनिक इंजन को लांच किया जाएगा। इसका परीक्षण भी किया जाएगा। इस समय सेमी क्रायोजेनिक इंजन पर काम चल रहा है। ऐसा देश में पहली बार होगा जब 200 टन ईंधन की क्षमता वाले इंजन की टेस्टिंग की जाएगी। यह इंजन केरॉसिन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन ऑक्सीडाइजर पर आधारित होगा। इसमें सफलता मिलने के बाद जीएसएलवी मार्क-3 की पैलौड कै बेलिटी को चार से बढ़ाकर 5.5 टन करने का निर्णय लिया गया है।

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