काशी तमिल संगमम का दूसरा चरण 17 से 30 दिसंबर 2023 तक मोदी हो सकते है शामिल
तमिलनाडु के राज्यपाल ने छात्रों वाले तमिलनाडु प्रतिनिधिमंडल के पहले बैच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया काशी तमिल संगमम का दूसरा चरण 17 से 30 दिसंबर तक पवित्र शहर काशी में आयोजित किया जा रहा है। पवित्र नदी 'गंगा' के नाम पर छात्रों का पहला समूह शुक्रवार को चेन्नई से रवाना हुआ। तमिलनाडु के राज्यपाल, श्री आर एन रवि, अर्कोट के नवाब, रामकृष्ण मिशन के स्वामीजी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ डॉ एमजीआर चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई।

काशी तमिल संगमम का दूसरा चरण 17 से 30 दिसंबर 2023 तक मोदी हो सकते है शामिल
तमिलनाडु के राज्यपाल ने छात्रों वाले तमिलनाडु प्रतिनिधिमंडल के पहले बैच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
काशी तमिल संगमम का दूसरा चरण 17 से 30 दिसंबर तक पवित्र शहर काशी में आयोजित किया जा रहा है। पवित्र नदी 'गंगा' के नाम पर छात्रों का पहला समूह शुक्रवार को चेन्नई से रवाना हुआ। तमिलनाडु के राज्यपाल, श्री आर एन रवि, अर्कोट के नवाब, रामकृष्ण मिशन के स्वामीजी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ डॉ एमजीआर चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। जत्थे की रवानगी से पहले चेन्नई रेलवे स्टेशन पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
काशी तमिल संगमम में इस बार 1400 से अधिक प्रतिनिधियों को सात समूहों में विभाजित किया गया है जिनमें छात्र (गंगा), शिक्षक (यमुना), पेशेवर (गोदावरी), आध्यात्मिक (सरस्वती), किसान और कारीगर (नर्मदा), लेखक (सिंधु) और व्यापारी और व्यवसायी (कावेरी) शामिल हैं। इन सभी ग्रुप का नाम भारत की सात पवित्र नदियों के नाम पर रखा गया है। काशी तमिल संगमम के दूसरे चरण में भाग लेने के लिए प्रतिनिधिमंडल चेन्नई, कोयम्बटूर और कन्याकुमारी से यात्रा करेंगे।
सम्मेलन में भाग लेने के इच्छुक प्रतिनिधियों से 8 दिसंबर 2023 तक 42,000 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए। इनमें से चयन समिति द्वारा 7 समूहों में विभाजित 1400 लोगों का चयन किया गया। प्रत्येक समूह में 200 लोग शामिल रहेंगे। संस्कृति, रेलवे, पर्यटन, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण (ओडीओपी), एमएसएमई, सूचना और प्रसारण, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ शिक्षा मंत्रालय इस कार्यक्रम के लिए नोडल मंत्रालय है।
कार्यक्रम में संस्कृति मंत्रालय के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार और तमिलनाडु सरकार के अन्य संबंधित विभागों की भागीदारी होगी। काशी तमिल संगमम में
आईआईटी मद्रास और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
प्रतिनिधिमंडल अपनी यात्रा के दौरान यात्रा वाराणसी के साथ प्रयागराज और अयोध्या की भी यात्रा करेंगे।
काशी तमिल संगमम के दूसरे चरण में
तमिलनाडु और काशी की कला और संस्कृति, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन और अन्य विशेष उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल लगाए जाएंगे। काशी के नमो घाट पर तमिलनाडु और काशी की संस्कृति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे.
आयोजन की पूरी अवधि के दौरान साहित्य, प्राचीन ग्रंथ, दर्शन, अध्यात्म, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद, हथकरघा, हस्तशिल्प के साथ-साथ आधुनिक ज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर सेमिनार, चर्चा, व्याख्यान आदि आयोजित किए जाएंगे। नवाचार, व्यावसायिक आदान-प्रदान, एडटेक और अन्य अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियां के अलावा तमिलनाडु और काशी के विभिन्न विषयों/व्यवसायों के विशेषज्ञ और विद्वान, स्थानीय अभ्यासकर्ता भी इन आदान-प्रदानों में भाग लेंगे।
काशी तमिल संगमम का पहला चरण 16 नवंबर से 16 दिसंबर 2022 तक आयोजित किया गया था, जिसमें शिक्षा मंत्रालय नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा था। जीवन के 12 अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले तमिलनाडु के 2500 से अधिक लोगों ने 8-दिवसीय दौरे पर काशी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा की, जिसके दौरान उन्हें वाराणसी और उसके आसपास जीवन के विभिन्न पहलुओं का गहन अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला।
2022 में पहले काशी तमिल संगमम को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया के कारण, 2023 में दूसरा संगमम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। उद्घाटन समारोह 17 दिसंबर को तमिल महीने मार्गोई के पहले दिन होगा, जिसे एक पवित्र महीने के रूप में मनाया जाता है।
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