राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने गुरु वंदन एवं शैक्षिक उन्नयन संगोष्ठी का किया आयोजन
वाराणसी :- अपनी स्थापित परंपरा के अनुरूप राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ वाराणसी प्राथमिक संवर्ग ने इस वर्ष भी गुरुवंदन एवं शैक्षिक उन्नयन संगोष्ठी जिसका विषय इंडिया से भारत की ओर था का वाराणसी पब्लिक स्कूल केराकत पुर में आयोजन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश जी,
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने गुरु वंदन एवं शैक्षिक उन्नयन संगोष्ठी का किया आयोजन
वाराणसी :- अपनी स्थापित परंपरा के अनुरूप राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ वाराणसी प्राथमिक संवर्ग ने इस वर्ष भी गुरुवंदन एवं शैक्षिक उन्नयन संगोष्ठी जिसका विषय इंडिया से भारत की ओर था का वाराणसी पब्लिक स्कूल केराकत पुर में आयोजन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश जी,अध्यक्ष अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगवती सिंह, मुख्य वक्ता अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के उच्च शिक्षा प्रभारी महेंद्र कुमार, विशिष्ट अतिथि जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डा० अरविंद पाठक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ काशी प्रांत के प्रांत कार्यवाह डा० राकेश तिवारी एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के संयुक्त मंत्री डा० उदयन मिश्र थे तथा वाराणसी पब्लिक स्कूल के प्रबंधक अमित पांडेय "किशन" की गरिमामई उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश संयुक्त मंत्री एवं वाराणसी के जिलाध्यक्ष शशांक कुमार पाण्डेय..गीता गुप्ता एवं आशुतोष कुमार पाण्डेय ने संयुक्त रूप से किया तथा धन्यवाद ज्ञापन महिला विंग की जिला संयोजक डा० रमा रुखैयार ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रमेश जी ने कहा कि इण्डिया से नहीं भारत से राष्ट्रीयता का संबंध इसलिए इण्डिया से भारत की इस यात्रा में छात्रों को लगाने का काम शिक्षकों को करना है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति के तीन ही स्तंभ हैं ऋषि,कृषि और शिक्षक।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए महेंद्र कुमार जी ने कहा कि इण्डिया से भारत की यह यात्रा आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है क्योंकि इण्डिया की जीवनशैली और मान्यताओं ने भारत की संस्कृति और संस्कारों पर ऐसा कुठाराघात किया है कि यदि आने वाली अपनी पीढ़ियों को भारतीय मूल्यों परंपराओं संस्कारों से नहीं जोड़ेगे तो सोने की चिड़िया और विश्वगुरू रहे भारत की आत्मा खत्म हो जायेगी जिससे वह भारत खत्म हो जायेगा जो आज भी विश्व बंधुत्व,विश्व शांति के लिए प्रासंगिक है और यह कार्य विद्यालयों में होगा जिसके शिल्पी शिक्षक के अलावा कोई दूसरा नहीं हो सकता।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डा० अरविंद पाठक जी ने कहा कि निपुण भारत का लक्ष्य हमलोगों को पूरा करना है जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास हो और यह कार्य आप शिक्षकों की स्वप्रेरणा से किये गये प्रयास से ही होगा।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के कार्यकारी जिला अध्यक्ष ज्योति प्रकाश ने बताया कि कार्यक्रम में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी अरविंद पाठक और प्रांत प्रचारक रमेश जी ने जिले के 28 शिक्षकों को जहां उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया वहीं 9 विद्यालयों को भी उत्कृष्ट विद्यालय के सम्मान से सम्मानित किया।
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