दूरदर्शन पर दिखेगी सीरियल काशी विश्वनाथ   

varanasi:-  मुम्बई 6 सितम्बर , सनातन हिन्दू धर्म एवं विराट हिन्दू संस्कृति के जनपयोगी संदेश को जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए कमलाश्री फिल्म्स , वाराणसी ने वेदों और पवित्र पौराणिक ग्रंथों में उल्लिखित  पवित्र पावन भूमि काशी और उसके महत्व को दर्शाने वाली कथा पर आधारित  धारावाहिक " काशी विश्वनाथ "   के निर्माण का बीड़ा काशी के लाल मंडुआडीह निवासी दिलीप सोनकर ने उठाया है| विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद पूरे भारत में करिडोर को लेकर लोग मे  काफी दिलचस्पी दिखी रही  है।  इसी से प्रभावित होकर काशी के रहने वाले दिलीप सोनकर ने काशी विश्वनाथ सीरियल बनाने का निर्णय लिया जो दूरदर्शन पर दिखाया जाएगा। ज्ञातव्व हो की लोकप्रिय धारावाहिक "परशुराम" जिसका प्रसारण "अतरंगी" चैनल पर   सोमवार से शनिवार शाम  7.30 बजे प्रसारित किया जा रहा है | जो लोगों में काफी लोकप्रिय हो चुका है

दूरदर्शन पर दिखेगी सीरियल काशी विश्वनाथ   

दूरदर्शन पर दिखेगी सीरियल काशी विश्वनाथ                                                                                                                                   चकाशी के लाल दिलीप सोनकर बना रहे हैं विश्वनाथ कॉरिडोर पर सीरियल दिखेगा दूरदर्शन पर


 varanasi:-  मुम्बई 6 सितम्बर , सनातन हिन्दू धर्म एवं विराट हिन्दू संस्कृति के जनपयोगी संदेश को जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए कमलाश्री फिल्म्स , वाराणसी ने वेदों और पवित्र पौराणिक ग्रंथों में उल्लिखित  पवित्र पावन भूमि काशी और उसके महत्व को दर्शाने वाली कथा पर आधारित  

धारावाहिक " काशी विश्वनाथ "   के निर्माण का बीड़ा काशी के लाल मंडुआडीह निवासी दिलीप सोनकर ने उठाया है| विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद पूरे भारत में करिडोर को लेकर लोग मे  काफी दिलचस्पी दिखी रही  है।

 इसी से प्रभावित होकर काशी के रहने वाले दिलीप सोनकर ने काशी विश्वनाथ सीरियल बनाने का निर्णय लिया जो दूरदर्शन पर दिखाया जाएगा। ज्ञातव्व हो की लोकप्रिय धारावाहिक "परशुराम" जिसका प्रसारण "अतरंगी" चैनल पर   सोमवार से शनिवार शाम  7.30 बजे प्रसारित किया जा रहा है | जो लोगों में काफी लोकप्रिय हो चुका है |

अब दिलीप सोनकर ने काशी विश्वनाथ की महिमा को जन जन तक पहुंचाने के लिए दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित करने के लिए आवेदन किया है | दिलीप सोनकर ने बताया कि

 काशी.., महादेव शिव का आनंद वन, महाकाल का महा श्मशान, भोले शंकर की प्रिय नगरी काशी.., जहाँ स्वयं भगवान् शिव, बाबा विश्वनाथ के रूप में सदैव उपस्थित रहते हैं..

, हमारे धर्म ग्रन्थ जिन्हें पुराण कहते हैं वो मिथक

नहीं अपितु इतिहास हैं हमारे सनातन धर्म का, आइना हैं हमारी प्राचीन संस्कृति और सभ्यता का... उन्हीं धर्म ग्रंथों में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि काशी संसार की प्राचीनतम नगरी है, जो भगवान् शिव के त्रिशूल के अग्रभाग पर स्थित है..,

महाप्रलय होने पर जब समस्त संसार प्रलय जल में लीन हो जाता है तब भगवान् शिव अपने त्रिशूल के अग्रभाग पर काशी को प्रलय जल से ऊपर की ओर उठाते जाते हैं...,

अतः ऐसा माना जाता है कि काशी आकाश में स्थित है, जब महाप्रलय के पश्चात परमेश्वर की इच्छा पुनः सृष्टि रचने की होती है तो वो शून्य से पुरुष और प्रकृति अर्थात शिव और शक्ति का रूप धारण करके इसी आनंद वन यानि काशी में विहार करते हैं,  


इसी काशी में परम पुरुष और प्रकृति के पवित्र मिलाप से ब्रह्म अंड की उत्पत्ति होती है जो एकार्णव के जल में स्थित हो जाता है फिर महादेव के प्रताप से ही उस अंड से भगवान् विराट की उत्पत्ति होती है, भगवान् का वो विराट रूप महाविष्णु का होता है जिससे त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु,महेश और त्रिदेवियों सरस्वती, लक्ष्मी और उमा की उत्पत्ति होती है...

तब उनके प्रयासों और लीलाओं के माध्यम से सारे संसार की रचना होती है... सृष्टि रचना की इसी प्रक्रिया में काशी नगरी पुनः अपने स्थान पर स्थित हो जाती है.. अतः हम कह सकते हैं कि ये काशी नगरी ही संसार की सृष्टि की सूत्रधार है..,

स्कन्द पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी कहते हैं कि मैंने चौदहों भुवन की रचना की है किन्तु काशी की रचना स्वयं भगवान् शिव ने की है.., इसीलिए काशी के राजा बाबा विश्वनाथ को माना जाता है...    
काशी नगरी के पुण्य प्रताप के बारे में जितना भी कहा जाए कम ही है, वैसे तो तीर्थों का राजा प्रयाग को माना जाता है

किन्तु काशी को प्रयाग से भी बढ़कर पुण्यदायी माना गया है.., काशी, कांची, माया(हरिद्वार और ऋषिकेश का कुछ क्षेत्र), अयोध्या , द्वारिका, मथुरा और अवन्ती , ये सात पुरियां मोक्षदायी मानी गई हैं,

किन्तु इनमें अविमुक्त क्षेत्र अर्थात काशी को सर्वश्रेष्ठ माना गया है.. ऐसा माना जाता है कि यहाँ जो भी प्राणी अपनी देह का त्याग करता है उसे बाबा विश्वनाथ की कृपा से मोक्ष प्राप्त होता है.., इसीलिए संसार भर से लोग अपने जीवन के अंतिम क्षण यहाँ व्यतीत करने आते हैं..., यही कारण है कि काशी को महा श्मशान की संज्ञा भी प्राप्त है...|

  धारावाहिक की  रचना में काशी  विद्वानों का सहारा लिया गया | पुराणों में उल्लेखित काशी से  जुड़ी घटना कर्मों को मनोरंजक तरीके से तैयार किया जा रहा है | धारावाहिक की पटकथा गोपाल वर्मा द्वारा तैयार किया जा रहा है , जो पौराणिक धारावाहिकों के जाने माने लेखक है |धारावाहिक का निर्देशन कमल मोंगा कर रहे,

जिन्होंने पोरस , प्रतिज्ञा जैसे अनेक धारावाहिकों का निर्देशन किया है एवम् इसकी संगीत रचना , प्रसिद्ध संगीतकार मोंटी शर्मा द्वारा किया जा रहा है I धारावाहिक का फिल्मांकन जानें माने कैमरा मैन थामस एक्स जिवियर और जे एस मंगल कर रहे  हैI

इस टीवी श्रृंखला में  गजेन्द्र चौहान , रणजीत कावले, ओम शंकर पाण्डेय, अरूण बक्शी,  राजा कापसे ,  विशाल करवाल, रमेश गोयल, नवीना बोले , मुकेश त्रिपाठी,  भूषण प्रधान ,

अमन माहेश्वरी , शिव यादव , मुकुल नाग दीपक दत्त शर्मा , हेमंत भारती , पृथ्वी जुत्सी आदि अनेक प्रसिद्ध टीवी सितारे नज़र आयेंगे और वही बाबा बोले नाथ और माता पार्वती के रूप में विशाल नायर और इशिता गांगुली को देखा जायेगा |

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