काशी मंथन में बोले वक्ता, भारत के बढ़ते आत्म विश्वास से चीन घबराया पाकिस्तान से मिलकर रोज फैला रहा अफवाह
वाराणसी। भारत के बढ़ते कदम से चीन बौखला गया है। वह पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत को अस्थिर करने के लिए रोज नया सिगुफा छोड़ता है। खुराफात करता है लेकिन उसके इस खुराफात से भारत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। हालात यह है कि वह 2014 से भारत की ओर से हो रही नित नई कार्रवाईयों से घबराया हुआ है इसीलिए वह भारत की सीमा पर खुरपेंच करता है। गलवान घाटी व डोकलाम की घटना इसका ताजा उदाहरण है। चीन पहाड़ों पर अपनी सेना के जरिए खुराफात करके पूरे संसार में अपने को सुपर पावर साबित करने का प्रयास तो करता है लेकिन सामरिक दृष्टि से चीन समुद्र में बहुत ही कमजोर है। यूं कहे तो चीन की हालत समुद्र में चूहे जैसी है। उसे वहीं घेरने की जरूरत है।
यह कहना है भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन का। वह बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मनाये जाने वाले काशी मंथन कार्यक्रम में सिक्योरिंग इंडिया 75 विषय पर बोल रहे थे। काशी मंथन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत का बढ़ता आत्मविश्वास दूसरे देशों से दुश्मनी ला सकता है। इसीलिए चीन आये दिन भारत की सीमा पर घुसपैठ करने और अचानक हिंसक वारदातों को अंजाम देने का प्रयास करता है। चीन इन कार्रवाईयों से भारत को रोकना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत चीन के बार्डर पर तो अकेला है लेकिन हमारे साथ तमाम देश सहयोग में खड़े हैं। भारत को सबके साथ दोस्ती बना कर रखनी होगी।
लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला ने कहा कि रास्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में काशी मंथन का अहम योगदान है। राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में गहन चिंतन व मंथन की जरूरत है। राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में बीएचयू जैसे इंस्टीट्यूसन और यहां के छात्र अहम रोल अदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए दूरगामी सोच सबसे ज्यादा जरूरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा में 2050 तक रास्ता कैसे तय करना है उस पर हमें मंथन करना है। राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों का आंकलन करते हुए हमें आगे बढ़ना है। अमेरिका जापान के बीच हुए वार के अमेरिकन हीरो ब्रिगेडियर बिली बेचर ने कहा था कि भविष्य के युद्ध मे एयरक्राफ्ट की अहम भूमिका होगी ।बिली का मानना था कि दुनिया में जब भी बड़ा युद्ध होगा एयरक्राफ्ट की अहम भूमिका होगी। पर्ल हार्बर पर हमला हुआ तो बिली बेचर की भविष्यवाणी सही साबित हुई।
बेहतर सोच व मंथन से हम आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को पूर्ण रूप से साकार कर सकते हैं। सभा में उपस्थित युवाओें से उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य गतिविधियों में आधुनिकता के साथ ही अपने सांस्कृतिक विरासत की अवधारणा को भी साकार करना है। उन्होंने कौटिल्य, रामधारी सिंह दीनकर, गुरू तेग बहादुर सिंह, दुर्गा, लक्ष्मी व सरस्वती का जिक्र करते हुए कहा कि इन देवी-देवताओं व विद्वानों ने शास्त्र व शस्त्र दोनों को ही सामान महत्व दिया। कहा कि भारत को विश्व गुरू बनने के लिए सुक्ष्म से लेकर विशालतम चीजों पर ध्यान देते हुए मंथन करना होगा। कहा कि वर्तमान परिवेश में भारत के समक्ष चीन चुनौती जरूर लेकिन भारत के साथ तमाम देश खड़े हैं, चीन अकेला है। विश्व के देशों में 2014 के बाद भारत के प्रति आदर व सम्मान बड़ा है। कहा कि सामरिक मजबूती की ही देन है कि आज रूस यूक्रेन से लड़ रहा है।
भारत के राजदूत रहे अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि भारत सदैव सहज व सरल भाव वाला देश रहा है। पड़ोसी देशों की मदद भारत सदियों से करता आ रहा है। अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि इस देश से मित्रता की वजह से उसके राष्टÑीय भवन निर्माण में भारत का योगदान है। भले ही काबुल को हक्कानी ग्रुप कंट्रोल करे लेकिन भारत सदियों से अपने पड़ोसी मुल्कों को मित्र रूप में देखता रहा है। बात चाहे इरान की हो या पश्चिमी एशिया के देशों की भारत सदैव ही उनका मददगार रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की छवि विश्व के देशों में कुछ सालों से बहुत ही बेहतर रूप में उभरी है। उन्होंने कोरोना काल में विश्व के देशों में भारत की ओर से भेजी गई वैक्सिनेशन की जमकर सराहना की। कहा कि भारत सदैव ही मानवता के कल्याण के लिए सबसे पहली कतार में रहा है। इरान से भारत के पुराने रिश्ते रहे हैं। रसिया-यूक्रेन वार में भारत ने स्टैंड लिया कि वो तटस्थ रहेगा ।तमाम वैश्विक दबाव के बाद भी भारत ने रसिया से आयल लेना बंद नही किया। भारत के साथ रसिया हमेशा खड़ा रहा है इसलिए भारत ने युक्रेन और रसिया के साथ युद्ध में जो डिप्लोमेसी को अपनाया है वह भारत की मजबूती को साबित करता है।
जेएनयू के चाइनिज स्टडी के प्रो. श्रीकांत कोंडापल्ली ने कहा कि चीन की योजना व आकांक्षा व्यापारिक विश्व शक्ति बनने की है वह इसके लिए लगातार प्रयास कर रहा है। चूंकि उसे लगता है कि भारत ही उसकी शक्ति को प्रभावित कर सकता है इसलिए वह लगातार भारत को अस्थिर करने का प्रयास करता है। गलवान घाटी की घटना ने हमे जागने का अवसर दिया है। उसने अपनी शक्ति को दिखाने के लिए रोड मैप 2035 और 2045 बना चुका है। वह वर्ल्ड क्लास मीलिट्री इकोनॉमी, हेल्थ, प्रोडक्शन, सिक्योरिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगातार काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि काशी विश्व वैदिक ज्ञान से लेकर सांस्कृतिक राजधानी का केंद्र रहा है और यहां यह आयोजन एक बेहतर पहल है। प्रो. श्रीकांत ने आगे कहा कि भारत को अपने बॉर्डर एरिया पर सामाजिक संरचना को और मजबूत करना होगा।
धर्म को राजनीति से न जोड़ें
काशी मंथन के दूसरे सत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध, भारत-पाक युद्ध पर चर्चा हुई। पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए डा.आदिल रशीद ने कहा कि धर्म को राजनीति व देश से जोड़कर पाकिस्तान भारत में रोज विद्रोह फैलाने का प्रयास कर रहा है। रोज ट्वीटर से लेकर सोशल मीडिया पर ऐसी करतुतें डाली जाती है जिससे भारत आंतरिक रूप से अस्थिर हो। लेकिन युवाओं को इस ओर ध्यान देना होगा। राजनीति को कभी भी धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। धर्म अलग है और राजनीति अलग। पाकिस्तान इसका फायदा कट्टरपंथ के नाम पर भारत के मुस्लिमों को भड़काकर लेना चाहता है। लेफ्टिेनेंट जनरल शौकिन ने कहा कि चीन पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता। क्योंकि उसकी मंशा सदैव से ही भारत को परेशान करने और अस्थिर करने की रही है। उससे सदैव सजग रहना होगा। तकनीकी विशेषज्ञ जितेन जैन ने साफगाई ढंग से कहा कि चीन साइबर अपराधी है। उसकी मंशा भारत के प्रति भारत में ही प्रोपेगंडा फैलाना है। आतंकी चाहते हैं कि भारत को कोई धर्म निरेपेक्ष राष्टÑ न कहें इसके लिए यहां रोजाना झूठ के सहारे अस्थिरता की नई कहानी कहानी गढ़कर भारत को धर्म के नाम पर लड़ाया जाए। उन्होंने कहा कि हम सभी युवा अपनी समझदारी से पाकिस्तानी प्रोपेगंडा फैलाने वाले 80 प्रतिशत लोगों की दुकानदारी बंद कर सकते हैं। इसके लिए हर वीडियो व ट्वीट की पड़ताल करने के साथ ही उसकी गहराई में जाना होगा। सभी को संगठित होना होगा। चीन के सस्ते सामानों जैसे फोन, राउटर को खरीदने की ललक को त्यागते हुए भारत में बने महंगे सामानों को खरीदना होगा। विषय स्थापना डाक्टर मयंक नारायण सिंह ने किया। आयोजन मंडल की ओर से सभी वक्ताओं को स्मृति चिन्ह व शॉल देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में संबीम ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूसन नॉलेज पार्टनर के तौर पर सहभागी रहा।आयोजन की शुरूआत पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर मार्ल्यापण के साथ दीप प्रज्जवलित करके किया गया। शुकेशी रिषभ ने संचालन व आये अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन डा.सुनील तिवारी ने किया।
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