मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में भी करप्शन का दीमक
liveupweb उरई जालौन।गरीबों को छत देने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई है लेकिन कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से योजना का लाभ सुविधाशुल्क लेकर अपात्रों को दिया जा रहा है

तो क्या घूसखोरी खा जाएगी घर बनाने का पैसा ?
मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ित आवास योजना में सुविधा शुल्क लेकर अपात्रों को किया गया पात्र
liveupweb उरई जालौन।गरीबों को छत देने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई है लेकिन कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से योजना का लाभ सुविधाशुल्क लेकर अपात्रों को दिया जा रहा है जिससे वास्तविक पात्रों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे ही मामले विकास खण्ड रामपुरा की कई ग्राम पंचायतों से सामने आए है।
बताते चलें कि गत वर्ष आई बाढ़ से बीहड पट्टी के कुछ गाँवो में लोगों के कच्चे मकान गिर गए थे उस समय खुद मुख्यमंत्री योगी ने हवाई सर्वेक्षण किया था और जगम्मनपुर में राहत सामग्री वितरण की थी जिसके मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जिन भी ग्रामीणों के घर बाढ़ के पानी से गिरे है ऐसे पात्रों तत्काल चिन्हित कर मुख्यमंत्री बाढ़ राहत योजना के तहत आवास उपलब्ध कराए जाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद खण्ड विकास अधिकारी व पंचायत सचिवों ने इस योजना में भी चासनी की जुगाड़ निकाल ली और गांव के अपात्र लोगों से 15 से 20 हजार रुपये लेकर उनका नाम सूची में डाल दिया है जबकि वास्तविक पात्र लोग सिर्फ टकटकी लगाकर सिस्टम का खेल देख रहे है।ब्लाक के एक जिम्मेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आवास योजना में 59 लोगों के नाम है जिनसे ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारी ने 10 - 10 हजार व पंचायत सचिव ने 5 - 5 हजार रुपये लिए है।
What's Your Reaction?






