बाढ़ की मदद को प्रशासनिक अमला मुस्तैद

वाराणसी, 30 अगस्त: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के निर्देश के बाद प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैद हो गए हैं। अधिकारी बाढ़ से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के साथ बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री संग शिविरों में शिफ्ट कर रहे हैं। वहीं एनडीआरएफ की टीम भी बचाव व राहत कार्यों में जुटी है। इलाकों में बीमारी न फैले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 40 टीमें मुस्तैद कर रखी हैं।

बाढ़ की मदद को प्रशासनिक अमला मुस्तैद

 वाराणसी बाढ़ की मदद को प्रशासनिक अमला मुस्तैद

बाढ़ पीड़ितों को खाद सामग्री से लेकर चिकित्सीय सुविधा तक हो रही मुहैया

नोडल अधिकारी रात-दिन अपने क्षेत्रों में दौरा कर रख रहे निगरानी


वाराणसी, 30 अगस्त: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के निर्देश के बाद प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैद हो गए हैं। अधिकारी बाढ़ से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के साथ बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री संग शिविरों में शिफ्ट कर रहे हैं। वहीं एनडीआरएफ की टीम भी बचाव व राहत कार्यों में जुटी है। इलाकों में बीमारी न फैले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 40 टीमें मुस्तैद कर रखी हैं।

कंट्रोल रूम के नंबर जारी किए गए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ आने से पहले ही बनारस के प्रशासनिक अधिकारियों से इससे निपटने के निर्देश दिये थे। ऐसे में अधिकारी इसको लेकर पहले से ही मुस्तैद थे। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बाढ़ और उसकी परेशानियों से पहले ही अगाह कर दिया था। ऐसे में शहर में 20 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए। इसमें बाढ़ पीड़ितों को शरण दी गई है।

राहत एवं बचाव के लिए 58 नावें लगाई गई हैं। बाढ़ से निपटने के लिए 19 राहत चौकी स्थापित की गईं हैं,

जो दिन-रात निगरानी कर रही हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष से शहर और गांव के इलाकों में पैनी नजर रखी जा रही है।

कंट्रोल रूम में आने वाली समस्याओं पर तुरंत एक्शन लिया जा रहा है। जिलाधिकारी वाराणसी ने बाढ़ कंट्रोल रूम आपदा प्रबंधन के लिए 0542 -2508550, 9140037137, एनडीएरएफ 8004931410 जारी किया है। वाराणसी नगरीय क्षेत्र के 20 वार्ड, ग्राम /वार्ड 136 हैं जिसमें 116 ग्राम बाढ़ से प्रभावित हैं। कुल प्रभावित जनसंख्या 31588 है, जिसे फौरी तौर पर हर मदद प्रशासन पहुंचा रहा  है।


हर संभव मदद की जा रही
जिलाधिकारी द्वारा बाढ़ राहत के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है,  जो अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित कर रहे हैं। बाढ़ पीडितों को खाने पीने की सामग्री के साथ बाढ़ राहत किट, जिसमें सूखी सामग्री भी शामिल है। इसके अलावा मेडिकल टीम बीमार हो रहे लोगों का उपचार करने के साथ ओआरएस व क्लोरीन टैबलेट वितरित कर रही है। राहत शिविरों में पशु चिकित्साधिकारी भी तैनात किये गये हैं। प्रशासन इनके चारे का भी प्रबंध कर रहा है।

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