दुर्गा चरण इंटर कॉलेज 9 नवंबर से तीन दिवसी शताब्दी समारोहको मनाएगा
दुर्गा चरण इंटर कॉलेज 9 नवंबर से तीन दिवसी शताब्दीसमारोह मनाएगा
उपरोक्त जानकारी दुर्गा चरण इंटर कॉलेज की प्रबंधन टीम ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान दी पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए प्रबंधन टीम ने बताया कि 1924 में बालिकाओं को शिक्षा देने के लिए ताकि कन्याएं स्वयं शिक्षित हो समाज को भी शिक्षित करने का काम करें इसके लिएदुर्गा चरण इंटर कॉलेज की स्थापना की थी पुरे शताब्दी समारोह की जानकारी देते हुए सचिव/प्रबंधक देवाशीष दस ने बताया की सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में बालिका एवं नारी शिक्षा के उत्थान में जिन महान नारियों की अग्रणी भूमिका रही उनमें स्वामी रामकृष्ण परमहंस, मी शारदा तथा भारत पश्चिक स्वामी विवेकानंद जी की दीक्षित शिष्या श्रीमती कृष्णभादिनी देवी ने वाराणसी में कन्या शिक्षा के उद्देश्य से 1919 में नारी शिक्षा विधायिनी सभा की स्थापना की थी।
वाराणसी में नारी शिक्षा के उद्देश्य से स्थापित विद्यालयों में कृष्णभादिनी देवी द्वारा स्थापित पाठशाला अग्रेत्तर वर्षों में वाणी विद्या भवन तथा अन्ततोगत्वा दुर्गाचरण बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के रूप में विकसित हुआ। नारी शिक्षा यात्रा के दृष्टि से हम 105 वर्ष तथा विद्यालय स्वरूप में शत वर्ष पूर्ण कर रहे हैं।
वाराणसी नगर के प्राचीन दक्षिण तथा वर्तमान में कैंट विधानसभा क्षेत्र के सोनारपुरा संलग्न फरीदपुर (कूच बिहार काली बाड़ी के विपरीत दिशा) के अपने निजी भवन में विद्यालय संचालित है। जिस विद्यालय ने केवल 5 छात्राओं के साथ अपनी यात्रा शुरू की श्री वर्तमान में उसके छात्राओं संख्या प्राथमिक, अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक का मिलाकर लगभग 2500 है। जहाँ हमारे दोनों प्राथमिक विद्यालय बेसिक शिक्षा अधिकारी से वित्त विहीन मान्यता प्राप्त है यहीं कक्षा 6 से 12 तक वित्त पोषित है। उच्च माध्यमिक स्तर पर विज्ञान एवं वाणिज्य की कक्षाएं भले ही एक दशक काल से मान्यता प्राप्त है तथापि वित्तपोषित नहीं है।
शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर (सांस्कृतिक/खेलकूद) पटल पर दुर्गा चरण इंटर कॉलेज गत तीन दशकों से पूर्वांचल के दस श्रेष्ठ बालिका विद्यालयों में प्रमुख है। समाज के सीमांत परिवारों के छात्राओं को मुख्यधारा में जोड़ने के उद्देश्य से विद्यालय का अथक प्रयास और सामाजिक स्वीकृति हमारे लिए प्राप्त सर्वोच्च सम्मान है।विभिन्न राजकीय एवं प्रशासनिक व्यस्तताओं के चलते भारत के महामहिम राष्ट्रपति जी, उत्तर प्रदेश महामहिम राज्यपाल तथा अन्य अति विशिष्ट जनों के सम्मुख हमारी आमन्त्रण प्रार्थना को स्वीकृति नहीं मिल सकी वहीं प्रदेश सरकार के दो सशक्त हस्ताक्षर माननीय मंत्री श्री रविन्द्र जायसवाल 9 नवम्बर के उद्द्घाटन सत्र तथा डॉ० दयाशंकर मिश्र दयालु जी 10 नवम्बर को मुख्य अतिथि होंगे। समापन अर्थात 11 नवम्बर के मुख्य अतिथि विदुषी श्रीमती दर्शना सिंह जी, सांसद राज्य सभा एवं प्रदेश नाट्य अकादमी भारतेन्दु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ० रतिशंकर त्रिपाठी विशिष्ट अतिथि के रूप में आयोजन को अलंकृत तथा विधि विशेषज्ञ माननीय डॉ० वीरेन्द्र जायसवाल जी अध्यक्षता करेंगे। सम्पूर्ण आयोजन विद्यालय परिसर के पूर्व भाग में स्थित कूच बिहार काली बाड़ी के मुक्तांगण में सम्पन्न होगा।
दैनिक तीन सत्रों में आयोजित कार्यक्रमों में प्रथम सत्र (उद्घाटन, शैक्षणिक तथा समापन) सायंकाल 4 बजे से होगा। द्वितीय सत्र वर्तमान एवं प्राचीन छात्राओं के नृत्य, गीत एवं वाद्यों के प्रस्तुतियों से समृद्ध होगा। स्वर्ण जयंती काल के उपरान्त उपलब्ध श्रेष्ठ 175 प्रतिभाएँ मंच पर उपस्थित होंगी। दीपदान से प्रारम्भ होकर सायंकाल 6 बजे से 7.30 बजे तक है।
दैनिक समापन सत्र सायंकाल 7.30 से रात्रि 9.30 बजे तक आयोजित है जिसमें विदुषी डॉ० सुचरिता गुप्ता तथा सम्पूर्ण भारत के श्रेष्ठ युवा कलाकार श्रीमती रेणु नागर (मुम्बई), सुश्री बिदीप्ता चक्रबोर्ती (कोलकाता) तथा सुश्री सेन्जूती दास (कोलकाता) अन्तिम सत्र के मुख्य आकर्षण रहेंगी।
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