इंस्टीट्यूट ऑफहार्ट लंग्स डिजीज एंड रिसर्च सेंटर (IHLD)जटिलतम केसेस का रखता हैंध्यान

देश की राजधानी नई दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट लंग्स डिजीज़ एंड रिसर्च सेंटर (IHLD) खुल रहा है। IHLD देश के कुछ चुनिंदा प्रमुख संस्थानों में से एक ही होगा जो हृदय और फेफड़ों के रोगी के लिए समस्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेगा, जिसके अन्तर्गत हृदय और फेफड़ो से संबंधित सभी तरह की स्वास्थ सेवा प्रदान कि जाएगी, जिसमें हृदय और फेफड़ों का प्रत्यारोपण भी शामिल है।

इंस्टीट्यूट ऑफहार्ट लंग्स डिजीज एंड रिसर्च सेंटर (IHLD)जटिलतम केसेस का रखता हैंध्यान 

नई दिल्ली से शुरुआत IHLD, वर्तमान में जटिल हृदय- फेफड़े के प्रत्यारोपणसहित व्यापक कार्डियोथोरेसिक स्वास्थ्य सेवाओं को

प्रदान करने वाला उत्तरभारत का एकमात्र संस्थान है।

देश की राजधानी नई दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट लंग्स डिजीज़ एंड रिसर्च सेंटर (IHLD) खुल रहा है। IHLD देश के कुछ चुनिंदा प्रमुख संस्थानों में से एक ही होगा जो हृदय और फेफड़ों के रोगी के लिए समस्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेगा, जिसके अन्तर्गत हृदय और फेफड़ो से संबंधित सभी तरह की स्वास्थ सेवा प्रदान कि जाएगी, जिसमें हृदय और फेफड़ों का प्रत्यारोपण भी शामिल है।

IHLD के अन्तर्गत एक मजबूत कार्डियोपल्मोनरी रिहेबिलिटेशन प्रोग्राम भी है जो एआर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी (AI) पर आधारित मोशन सेंसिंग और स्केलेटल मसल स्ट्रेंथ असेसमेंट प्रोग्राम हैज ने अपने आप में अद्वितीय है, जो ना केवल प्रभावित मांसपेशियों को रिहेबिलिटेशन टीम को लक्षित करने में मदद करता है, साथ में शवास और हृदय रोगी की जरूरतों और दुर्बलताओं को कम करने में अधिक प्रभावी और लाभदायक होता है।

IHLD ने दिल्ली के 300 बिस्तरोंवाली PSRI अस्पताल के साथ समन्वय किया है, जो की दक्षिण दिल्ली में प्रेस

एनक्लेव मार्ग पर अवस्थित है। टीम में 50 समर्पित, परिपक्व और कुशल कार्डियोथोरेसिक सर्जन, प्रत्यारोपण

चिकित्सक, गहन चिकित्सक, हृदय रोग विशेषज्ञ, रिहेबिलिटेशन विशेषक्षय, पुनर्वास विशेषज्ञ, नर्स, परफ्यूजनिस्ट,

और अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ता इत्यादि शामिल हैं। जो मूल रूप से गुणवत्तापूर्ण देखभाल और रोगी के प्रति

करुणा के साथ अथक परिश्रम और लगन से काम करते हैं। संस्थान को समर्पित ऑपरेशन थिएटर, हाइब्रिड कैथ

लैब, कार्डियक और ट्रांसप्लांट आईसीयू, ओपीडी और कार्डियो- पल्मोनरी रिहेबिलिटेशन प्रोग्राम होंगे।

IHLD जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों के नवाचार और विकास में सबसे आगे है। इसमें एक बेहतरीन और भारत का पहला हार्ट फेल्योर डिवाइस (मिनिएचर वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस) का पेटेंट शामिल है। यह विकास के उन्नत चरणों में है, जो बड़े पैमाने पर दिल के दौरे और कार्डियोजेनिक शॉक के बाद फेल हो रहे रुकते हुए दिल और ज़िंदगी को सहारा ( 3.5 लीटर / मिनट तक) प्रदान कर सकता है। यह मिनिएचर वीएडी कई ऐसे लोगों की जान बचाएगा जो हर साल दिल के दौरे और दिल की अन्य जटिलता के चलते जीवन की जंग हार जाते हैं।

डॉ. राहुल चंदोला, जो दो दशकों के अनुभव के साथ एक प्रतिष्ठित सर्जन हैं, जिनके पास दुनिया के सबसे अच्छे अस्पतालों जैसे टोरंटो जनरल अस्पताल, सनीबुक अस्पताल, अल्बर्टा विश्वविद्यालय और हम्बोल्ट विश्वविद्यालय मैं बड़े पैमाने पर अनुभव है, वोइस संस्थान की शुरुआत करने में अग्रणी है। वह भारत के कुछ सर्जनों में से एक हैं जो हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण और कॉम्प्लेक्स कार्डियो थोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी में विशेषज्ञ हैं। वह भारत और विदेशों में अंग दान कार्यक्रम और जागरूकता अभियानों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

IHLD के कार्डियो-थोरेसिक सर्जरी के संस्थापक-अध्यक्ष और प्रमुख डॉ. राहुल चंदोला कहते हैं, हम भारत में हृदय

और फेफड़े के उपचार और सर्जरी में नवीनतम प्रगति लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डॉ. चंदोला के अनुसार" IHLD

को नवीन शुरुआत करने पर गर्व है, और विश्वास है कि यह राजधानी के साथ साथ देश विदेश के रोगियों को

लाभान्वित करेगा, साथ ही हृदय और फेभडो के उपचार के लिए भारत से बाहर जाने की आवश्यकता नही पड़ेगी।

IHLD के कुशल डॉक्टर कार्डियो थोरेसिक और ट्रांसप्लांट हेल्थकेयर में परिवर्तन का नेतृत्व कर रहे हैं"

IHLD को हंस फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त है, जो देश भर में स्वास्थ्य सेवा, विकलांगता, आजीविका और शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक कार्यक्रम चलाने वाले सबसे बड़े धर्मार्थ और कल्याणकारी संगठनों में से एक है। फाउंडेशन ने पिछले चार वर्षों में 3000 करोड़ रुपये के कल्याणकारी कार्यक्रमों का समर्थन किया है।

IHLD ने 5,000 से अधिक जटिल हृदय और फेफड़े के ऑपरेशन और प्रत्यारोपण के माध्यम से अब तक 20,000 से अधिक जिवन को सहायता प्रदान किया है। इसने बद्रीनाथ, केदारनाथ, उत्तरकाशी जैसे दुर्गम और दूरस्थ स्थानों सहित पूरे उत्तर भारत में नि: शुल्क शिविर भी चलाए हैं, यहाँ तक कि देश के अंतिम गाँव माणा तक भी अपनी सेवाएँ पहुँचाई हैं | IHLD ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 600 से अधिक लोगों के निशुल्क जटिल हृदय ऑपरेशन भी किए हैं।

आईएचएलडी के बारे में

IHLD उत्तर भारत के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जो जटिल सर्जरी, न्यूनतम इनवेसिव और हाइब्रिड महाधमनी सर्जरी, हृदय फेफड़ों के प्रत्यारोपण और ईसीएमओ जैसे हृदय और फेफड़ों के समस्त रोगों के लिए अत्यधिक विशिष्ट समाधान प्रदान करता है।

डॉ राहुल चंदोला के बारे में

डॉ राहुल चंदोला, टोरंटो जनरल अस्पताल, सनीब्रुक अस्पताल, अलबर्टा विश्वविद्यालय और हम्बोल्ट विश्वविद्यालय, जर्मनी सहित दुनिया के कुछ शीर्ष संस्थानों में 22 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ एक प्रसिद्ध कार्डियोथोरेसिक और हृदय फेफड़ा प्रत्यारोपण सर्जन हैं।

योग दिवस पर विशेष:


हृदय रोग के खतरे से बचने के लिए करें नियमित योगासन का अभ्यास

योग न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। बल्कि इसके अभ्यास की आदत से हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है। उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करने से लेकर ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाए रखने तक के लिए योग केअभ्यास की आदत से फायेदा होता है। यह बातें दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट लंग डिजीज अस्पताल के चेयरमैन व हृदय और फेफड़े प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. राहुल चंदोला ने कहीं। वह बताते हैं कि हृदय रोगों को दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारक के तौर पर जाना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में हृदय रोग के बढ़तों मामलों ने चिंता बढ़ाई है। कम उम्र के लोग हृदय के गंभीर रोगों के खतरे के बीच हैं। 40 वर्ष से कम आयु के लोगों के बीच हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में देखा गया कि कम उम्र के ऐसे लोग जो जिम जाते हैं और फिटनेस पर ध्यान देते हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ा। ऐसे में लोग जिम जाने से भी डरने लगे हैं कि कहीं यह हार्टअटैक के खतरे की वजह तो नहीं। हालांकि हृदय रोग की समय पर पहचान करके और बचाव के उपायों को अपनाकर हृदय के जोखिम को कम किया जा सकता है। सबसे जरूरी है कि हृदय को स्वस्थ रखा जाए। इसके लिए दिनचर्या में पौष्टिक आहार को शामिल करें। नियमित योग-व्यायाम की आदत डाले।


खराब लाइफस्टाइल और व्यायाम की कमी से बढ़ रहा हार्ट अटैक:
डॉ. राहुल चंदोला बताते हैं कि खराब लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, तनाव, आलस्य, देर रात तक जागना और अगली सुबह देर तक सोने से कोलेस्ट्रॉल, शुगर और फैट बढ़ता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा से हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 मिलीग्राम/डीएल से कम होनी चाहिए। कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। खराब कोलेस्ट्रॉल ब्लड फ्लो यानी रक्त प्रवाह को कम कर सकता है। आजकल लोग गलत तरीके से एक्सरसाइज और बॉडी बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सप्लीमेंट्स भी इस जानलेवा कंडीशन की वजह बन सकते हैं। ऐसे में सभी लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। आज के जमाने में अधिकतर लोग फिजिकल फिटनेस पर तो ध्यान दे रहे हैं, लेकिन मेंटल हेल्थ को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं. मेंटल हेल्थ का दिल पर सीधा असर होता है और इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट अटैक से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और अन्य बीमारियों को कंट्रोल करना चाहिए। समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए। जंक फूड और शुगर ड्रिंक्स को अवॉइड करना चाहिए। स्मोकिंग करने से हार्ट हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है। बीड़ी, सिगरेट और अन्य स्मोकिंग वाली चीजों का धुंआ हार्ट के लिए गंभीर खतरे पैदा करती है। धूम्रपान करने से सेहत पर नेगेटिव असर पड़ता है। ऐसे में स्मोकिंग से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए। मेंटल हेल्थ का दिल पर सीधा असर होता है और इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।


इन योग के अभ्यास करने से होता है लाभ:
योग का अभ्यास, हृदय रोग का कारण बनने वाले उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हैं जिससे हृदय गति कम करने में मदद मिल सकती है। योग करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है। योग हृदय की क्षमता को बढ़ाने में मदद करने के साथ अन्य रोगों के खतरे को भी कम करने में सहायक है। हम सभी कुछ ऐसे आसनों का अभ्यास करते हैं जो हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं। प्राणायाम का अभ्यास मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। हृदय रोग का मुख्य कारक उच्च रक्तचाप होता है, जिसे कम करने के लिए भी प्राणायाम योगासन किया जा सकता है। प्राणायाम के अभ्यास से हृदय की मांसपेशियों को आराम मिलता है और रक्त संचार बेहतर होता है। हृदय पर बनने वाले किसी भी अतिरिक्त दबाव को प्राणायाम योगासन का अभ्यास कम कर सकता है। वीरभद्रासन योग का अभ्यास रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और तनाव को कम करता है। इस आसन को करने से पूरा शरीर लचीला होता है और हृदय की क्षमता में सुधार व हृदय की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं। हृदय की सेहत के लिए धनुरासन का असरदार है। इससे हृदय की मांसपेशियां मजबूत बनती है, पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग के साथ ही हृदय पर अतिरिक्त पड़ने वाला दबाव कम होता है।


हृदय रोग के लक्षण:
छाती में दर्द, सीने में जकड़न, सांसों की कमी, गर्दन, जबड़े, गले, पेट, पैर या बाजुओं में दर्द, अनियमित दिल की धड़कन धीमी या तेज, पैरों या भुजाओं में सुन्नपन, चक्कर आना या बेहोशी, थकान, जी मिचलाना, सिर घूमना या चक्कर आना।

हृदय रोग से बचाव:
-स्ट्रेस से रहें दूर।
-नियमित व्यायाम और योग करे।
-तंबाकू यानी बीड़ी, सिगरेट और शराब का त्याग करें।
-शुगर, बीपी और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराए।
-हाई कैलोरी, मीठी चीज और तला भुना खाने से परहेज करें।
-हरे पत्तेदार सब्जियां, फल, हल्के दूध को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए।
-फास्ट फूड यानी बर्गर, चाउमिन, पिज्जा, मोमो, चिल्ली पोटैटो, फ्रेंच फ्राइड से दूर रहे।

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आईएचएलडी के बारे में
IHLD उत्तर भारत के प्रमुख संस्थानों  में से एक है, जो जटिल सर्जरी, न्यूनतम इनवेसिव और हाइब्रिड महाधमनी सर्जरी, हृदय-फेफड़ों के प्रत्यारोपण और ईसीएमओ जैसे हृदय और फेफड़ों के समस्त रोगों के लिए अत्यधिक विशिष्ट समाधान प्रदान करता है। 

डॉ राहुल चंदोला के बारे में
डॉ। राहुल चंदोला।, टोरंटो जनरल अस्पताल, सनीब्रुक अस्पताल, अलबर्टा विश्वविद्यालय और हम्बोल्ट विश्वविद्यालय, जर्मनी सहित दुनिया के कुछ शीर्ष संस्थानों में 22 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ एक प्रसिद्ध कार्डियो-थोरेसिक और हृदय-फेफड़ा प्रत्यारोपण सर्जन हैं ।

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