जाने काशी के पौराणिक मंदिरों के लिए योगी सरकार ने क्या किया जिससे अब इन मंदिरों की होगी अलग पहचान

वाराणसी, 4  दिसंबर। दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत नगरी काशी में धार्मिक यात्राओं का विशेष महत्व है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार काशी की इन्हीं 10 पवन पथ यात्राओं में 100 भव्य स्तंभों का निर्माण कराने जा रही है। ये स्तंभ हर पवन पथ की अलग-अलग यात्रा और मंदिरों की पहचान के रूप में स्थापित होंगे। इसे देखते ही उस यात्रा के मंदिरों की पहचान आसानी से की जा सकेगी।

जाने काशी के  पौराणिक मंदिरों के लिए योगी सरकार ने क्या किया जिससे  अब इन मंदिरों की होगी अलग  पहचान

जाने काशी के  पौराणिक मंदिरों के लिए योगी सरकार ने क्या किया जिससे  अब इन मंदिरों की होगी अलग  पहचान काशी के पौराणिक मंदिरों की पहचान के लिए 100 भव्य स्तंभों का होगा निर्माण 

- काशी की दस पवन पथ यात्राओं का योगी सरकार करा रही जीर्णोद्धार

- स्तंभों पर नंदी से लेकर शिवलिंग और विनायक होंगे विराजमान

- विशेष पौराणिक चिह्न वाले स्तंभ बताएंगे मंदिरों की पहचान

- परियोजना पर खर्च होंगे ₹24.35 करोड़, दिसंबर 2023 तक बनकर होंगे तैयार

वाराणसी, 4  दिसंबर। दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत नगरी काशी में धार्मिक यात्राओं का विशेष महत्व है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार काशी की इन्हीं 10 पवन पथ यात्राओं में 100 भव्य स्तंभों का निर्माण कराने जा रही है। ये स्तंभ हर पवन पथ की अलग-अलग यात्रा और मंदिरों की पहचान के रूप में स्थापित होंगे। इसे देखते ही उस यात्रा के मंदिरों की पहचान आसानी से की जा सकेगी। 

ये हैं 10 पावन पथ यात्राएं
पावन पथ सर्किट में कुल दस यात्राएं शामिल हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसके अंतर्गत अष्ट भैरव यात्रा, नौ गौरी यात्रा, नौ दुर्गा यात्रा, अष्टविनायक यात्रा, अष्ट प्रधान विनायक यात्रा, एकादश विनायक यात्रा, द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा, काशी विष्णु यात्रा, द्वादश आदित्य यात्रा और काशी चार धाम यात्रा शामिल हैं। इसमें पौराणिक महत्व के 120 मंदिर मौजूद हैं। 

दूर से ही पहचाने जा सकेंगे मंदिर
यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड, वाराणसी के परियोजना प्रबन्धक विनय जैन ने बताया कि यात्रा के दौरान अब इन मंदिरों को दूर से ही पहचाना जा सकता है। इसके लिए हर यात्रा से संबंधित स्तंभ लगाया जा रहा है। रेड एंड व्हाइट स्टोन से निर्मित स्तंभ की ऊंचाई करीब 12 से 15 फिट के बीच होगी। सभी स्तंभों की स्थापत्य कला वाराणसी के ही मंदिरों से मिलती जुलती है। 

स्तंभों पर विराजित होंगे नंदी, विनायक और अन्य देवी-देवता
द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा में स्तंभ पर नंदी और शिवलिंग, नवदुर्गा यात्रा में दुर्गा, द्वादश आदित्य ज्योतिर्लिंग में स्तंभों पर सूर्य, विनायक की अलग-अलग यात्रा में स्तम्भों पर गणेश जी की मूर्ति मिलेगी। परियोजना प्रबंधक ने बताया की मंदिरों में उपलब्ध जगह के अनुसार 100 स्तंभ और गेट लगाए जा रहे हैं। गेट भी यात्रा विशेष की पहचान बताएंगे। लाइट, कूड़ेदान, बैठने के लिए बेंच, पीने का साफ पानी, फ्लोरिंग आदि का काम हो रहा है।

काशी में प्रवेश के साथ ही मिलेगी पावन पथ की जानकारी
अधिकारी ने बताया कि काशी की सीमा में प्रवेश करते ही आपको पवन पथ सर्किट की सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी। इसके लिए पाथवे फाइंडर, इनफार्मेशन साइनेज भी लगाए जा रहे हैं। पावन पथ परियोजना पर लगभग ₹24.35 करोड़ खर्च होंगे। इस योजना को दिसंबर 2023 तक मूर्त रूप देने का लक्ष्य है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow