पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय का एमसीएच विंग बना वरदान

पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय का मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग (एमसीएच विंग ) महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। यहां स्त्री रोगों के सम्पूर्ण निदान की सुविधा एक ही छत के नीचे निःशुल्क उपलब्ध है।

पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय का एमसीएच विंग बना वरदान

पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय का एमसीएच विंग बना वरदान 

स्त्री रोगों का यहां होता है सम्पूर्ण निदान 

 महज छह माह में 80 से अधिक जटिल प्रसव 

 एब्डॉमिनल हिस्टेरेक्टॉमी की उपलब्धियां 

 ‘ए’ निगेटिव ब्लड ग्रुप् की गर्भवती का भी सफल आपरेशन 

 वाराणसी, 26 अगस्त 2022
 
पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय का  मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग (एमसीएच विंग ) महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। यहां स्त्री रोगों के सम्पूर्ण निदान की सुविधा एक ही छत के नीचे निःशुल्क उपलब्ध है। गुरुवार को यहां उच्च जोखिम की चार गर्भवती का आपरेशन कर सुरक्षित प्रसव कराया गया।

इस तरह महज छह माह के भीतर यह विंग 80  से अधिक जटिल प्रसव ऑपरेशन कराने के साथ ही एब्डॉमिनल हिस्टेरेक्टॉमी के 16 व ‘ए’ निगेटिव ब्लड ग्रुप् की गर्भवती के सफल आपरेशन जैसी उपलब्धियां अपने खाते में जोड़ चुका है।
 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश पर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के सुदृढीकरण के लगातार प्रयास किये जा रहे है।

इस क्रम में पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में नवनिर्मित एमसीएच विंग वरूणापार इलाके की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है ।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष 19 जुलाई को पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में नवनिर्मित 50 बेड के एमसीएच विंग का ऑनलाइन  उद्घाटन किया था।

तभी से  एमसीएच विंग मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर हर पल मुस्तैद है।  एमसीएच विंग का उद्देश्य बच्चों और प्रसूताओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना है, जिससे मातृ एवं शिशु  मृत्यु-दर को कम  किया जा सके। अस्पताल में सभी सुविधायें निःशुल्क दी जाती हैं।


 पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. आर.के. सिंह ने बताया कि इस अस्पताल की ओपीडी उद्‌घाटन के बाद से ही चल रही है। यहां प्रसव भी सफलता पूर्वक कराए जा रहे हैं। फरवरी माह से यहाँ आपरेशन से भी प्रसव की सुविधा उपलब्ध है।

अब तक यहां 80 से अधिक गर्भवतियों का ऑपरेशन से प्रसव कराया जा चुका है साथ ही 70 से अधिक गर्भवतियों का सामान्य प्रसव भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि  आने वाले समय में एमसीएच विंग को और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जायेगा।

शिवपुर की रहने वाली सुषमा 24 वर्ष ने बताया कि उसे सात माह का गर्भ है। वह यहां से लगातार चिकित्सकीय सलाह ले रही है। उसका प्रसव इसी अस्पताल में होगा।

अस्पताल में भर्ती चांदमारी की रेखा (27 वर्ष) ने कहा कि दो दिन पूर्व उसे यहां प्रसव हुआ है। वह और उसका शिशु स्वस्थ हैं।
 एब्डॉमिनल हिस्टेरेक्टॉमी के भी हो चुके है सफल आपरेशन 


पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय के एमसीएच विंग (मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग) की प्रभारी डा.प्रीति यादव ने बताया कि यहां एब्डॉमिनल हिस्टेरेक्टॉमी” के भी कई सफल आपरेशन हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि एमसीएच विंग में एब्डॉमिनल हिस्टेरेक्टॉमी का पहला सफल आपरेशन गत फरवरी माह में पहडिया की रहने वाली बदरुनिशा (45) वर्ष का हुआ था। उसके बाद ऐसे 15 और मरीजों के आपरेशन कर उनका गर्भाशय निकाला गया और वह सभी स्वस्थ हैं।
 ‘ए’ निगेटिव ब्लड ग्रुप की गर्भवती का भी जटिल आपरेशन
 
 डॉ. प्रीति यादव ने बताया कि हुकुलगंज की रहने ‘ए’ निगेटिव ब्लड ग्रुप की गर्ववती ऊषा सोनकर (30 वर्ष) का भी यहाँ जटिल आपरेशन हो चुका है।

ऊषा सोनकर को गत तीन अप्रैल को प्रसव पीड़ा के चलते यहां भर्ती कराया गया था। उसका यह दूसरा प्रसव था। जांच में पता चला कि वह ‘ए’ निगेटिव ब्लड ग्रुप की है।

ऐसे में आपरेशन से उसका प्रसव कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। ऐसा इसलिए कि इस ब्लड गुप्र की उपलब्धता काफी कम होती है।

आपरेशन के दौरान रक्त की जरूरत पड़ने पर परेशानी होती है। लिहाजा उक्त ब्लड गुप्र का पहले से प्रबंध कर उसका जटिल आपरेशन किया गया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। 
 गर्भाशय से हटाया सिस्ट -  
डॉ. प्रीति यादव ने बताया कि गत मार्च माह में एक मरीज का जटिल आपरेशन कर उसके गर्भाशय से सिस्ट हटाया गया था। गर्भाशय में सिस्ट की वजह से यह महिला काफी परेशान थी। सफल आपरेशन ने उसे इस परेशानी से छुटकारा दिला दिया।

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