महादेव के मिलने से मुस्लिम महिलाओं ने मनाई खुशी ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग का होना ही मन्दिर होने का प्रमाण

VARANASI वाराणसी, 16 मई। जैसे ही यह खबर मिली कि ज्ञानवापी (GYANVAPI) परिसर के तालाब में विशाल शिवलिंग मिला है, बाबा के भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गयी। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी के नेतृत्व में हिन्दू–मुस्लिम महिलाओं ने सुभाष भवन में शिव तांडव स्त्रोत का पाठ किया और शिव भजन गाकर खुशी मनाई। नाज़नीन अंसारी ने सबको लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया और हर हर महादेव के नारे लगाए।

महादेव के मिलने से मुस्लिम महिलाओं ने मनाई खुशी
ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग का होना ही मन्दिर होने का प्रमाण

VARANASI वाराणसी, 16 मई। जैसे ही यह खबर मिली कि ज्ञानवापी (GYANVAPI)  परिसर के तालाब में विशाल शिवलिंग मिला है, बाबा के भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गयी। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी के नेतृत्व में हिन्दू–मुस्लिम महिलाओं ने सुभाष भवन में शिव तांडव स्त्रोत का पाठ किया और शिव भजन गाकर खुशी मनाई। नाज़नीन अंसारी ने सबको लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया और हर हर महादेव के नारे लगाए।

इस अवसर पर नाज़नीन अंसारी ने कहा कि जब तक मुस्लिम समाज गोरी, गजनी, बाबर और औरंगजेब से रिश्ता नहीं खत्म करेगा, तब तक रुस्वा होता रहेगा। यह सच है 1669 में औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी जिसका प्रमाण मस्जिद की दीवाले और ज्ञानवापी( GYANVAPI ) नाम है। जो मुसलमान अपना नाम अरबी रखता है, वह मस्जिद का नाम संस्कृत में कैसे रख सकता है। आदि अनंत ज्योतिर्लिंग के मिलने के बाद मुसलमानों को अपना दावा खत्म कर उनके प्राचीनतम सबसे पवित्र मंदिर को हिंदुओं को सौंप कर मिसाल कायम करना चाहिए। जैसे मुसलमानों की दावेदारी मक्का पर है, वैसे हिन्दुओं की काशी पर। इसे कोई कभी बदल नहीं सकता। मुगलों ने भारत पर आक्रमण किये, मन्दिरों को तोड़ा, धर्म बदले और हिन्दुओं के धार्मिक अधिकार छीन लिए, तब हिन्दुओं ने सोचा कि कोई इन मुगलों से मुक्ति दिलाने वाला आएगा। औरंगजेब के पाप और कलंक को ढोया नहीं जा सकता । वह काशी विश्वनाथ मंदिर थी और कयामत के बाद भी रहेगी। आज मुगलों द्वारा पीड़ित और प्रताड़ित हिन्दुओं के साथ न्याय करने और उनके मौलिक धार्मिक अधिकार को देने की जरूरत है, तभी शांति कायम हो सकती है। बातचीत कर मसले को हल करें और हिन्दुओं के पवित्र स्थान से दूरी बढ़ा लें। औरंगजेब के पाप को अपने सर पर न लें।

विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव अर्चना भारतवंशी ने कहा कि आज कोर्ट खुद संज्ञान ले कि जो लोग 300 सालों से अपमानित कर हिन्दुओं की आस्था पर कुठाराघात करते रहे, उनका क्या दंड दिया जाना चाहिए।

नजमा परवीन ने कहा कि हमारे पूर्वज हिन्दू थे और इसी मंदिर में महादेव के दर्शन को जाते थे, आज हम मुसलमानों का फर्ज है कि महादेव के मंदिर को औरंगजेब के कलंक से स्वतः मुक्ति दिलायें और हिन्दुओं को सौप दें।

कार्यक्रम में पूनम श्रीवास्तव, सरोज देवी, सुनीता, रमता, स्मृति, खुशी रमन भारतवंशी, इली भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, बिलकिस बेगम, नाजिया बेगम शामिल थीं।

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