अब शोर करने वालों की खैर नहीं
मीडिया और स्वयंसेवी संस्थायें कितना भी जागरूकता अभियान चलायें, मगर कुछ लोग नियम-कानून जानते हुए भी ध्वनि प्रदूषण कानून का उल्लंघन करने में अपनी आन- बान-शान समझते हैं, भले ही इस चक्कर में आसपास के घरों में रहने वाले लोग अपनी नींद और चैन गंवाते रहें। ऐसे लोगों पर नकेल कसने की दृष्टि से, ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता अभियान, नि:शुल्क हेल्पलाइन और हिन्दू ही नहीं मुस्लिमों के शोर के खिलाफ कई मुकदमे करा चुकी संस्था 'सत्या फाउंडेशन' ने वाराणसी पुलिस को एक नायाब सुझाव दिया है जिसे अपर पुलिस आयुक्त ने स्वीकार भी कर लिया है।
अब शोर करने वालों की खैर नहीं
वाराणसी, 22 जून 2023
मीडिया और स्वयंसेवी संस्थायें कितना भी जागरूकता अभियान चलायें, मगर कुछ लोग नियम-कानून जानते हुए भी ध्वनि प्रदूषण कानून का उल्लंघन करने में अपनी आन- बान-शान समझते हैं, भले ही इस चक्कर में आसपास के घरों में रहने वाले लोग अपनी नींद और चैन गंवाते रहें। ऐसे लोगों पर नकेल कसने की दृष्टि से, ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता अभियान, नि:शुल्क हेल्पलाइन और हिन्दू ही नहीं मुस्लिमों के शोर के खिलाफ कई मुकदमे करा चुकी संस्था 'सत्या फाउंडेशन' ने वाराणसी पुलिस को एक नायाब सुझाव दिया है जिसे अपर पुलिस आयुक्त ने स्वीकार भी कर लिया है। आप भी जानिये क्या है वह सुझाव। उससे पहले ये बता दें कि आज गुरुवार को वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) श्री संतोष कुमार सिंह को 'सत्या फाउण्डेशन' ने लिखित ज्ञापन देकर बताया कि रात 10 से सुबह 6 के बीच 100% स्विच आफ का कानून है मगर दिन के लिए भी डेसीबल सीमा है और डेसीबल मीटर के अभाव में भी पुलिस स्व-विवेक से ध्वनि के स्तर को कम करा सकती है मगर रात 10 से सुबह 6 के बीच आवाज को 100% स्विच आफ करने की बात कानून में लिखी है चाहे वो धार्मिक कार्यक्रम ही क्यों न हो। कानून के मुताबिक़, साउंड प्रूफ सभागार को छोड़ कर, रात 10 बजे से सुबह 6 के बीच किसी भी धार्मिक या वैवाहिक कार्यक्रम में किसी प्रकार के बैंड-बाजा, लाउडस्पीकर, डी.जे., आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध है और दोषी को पर्यावरण संरक्षण एक्ट- 1986 के तहत 1 लाख रुपये तक जुर्माना या 5 वर्षों तक की जेल या एक साथ दोनों सजा हो सकती है। पत्र में कहा गया कि नियम -कानून जानते हुए भी कानून तोड़ने वाले असामाजिक तत्वों का मनोबल तोड़ने के लिए यह आवश्यक है कि बीच-बीच में मुकदमे भी होते रहें। साथ ही एक सुझाव भी है कि रात 10 से सुबह 6 के बीच ध्वनि प्रदूषण करने की शिकायत मिलने पर संबंधित पक्षों को पुलिस द्वारा कानूनी नोटिस भेजा जाये जिसका प्रारूप भी अपर पुलिस आयुक्त महोदय को दिया गया जिसे आपने सहर्ष स्वीकार कर लिया है।
अभी तक ये होता था कि ध्वनि प्रदूषण की शिकायत मिलने पर पुलिस केवल आवाज को स्विच आफ करा कर लौट जाती थी मगर अब स्थानीय थाने द्वारा ध्वनि प्रदूषण अपराध को थाने की डायरी (जीडी) में अंकित किया जाएगा और सभी संबंधित पक्षों को कानूनी नोटिस दिया जाएगा। शादी विवाह वाले मामलों में मैरेज लॉन के मालिक / वर पक्ष / वधू पक्ष / बैंड-बाजा कम्पनी / डीजे-लाउडस्पीकर सेवा देने वाली कंपनी और धार्मिक आयोजनों के मामले में धार्मिक कार्यक्रम के आयोजक को कानूनी नोटिस दिया जायेगा। 'सत्या फाउण्डेशन' के संस्थापक सचिव चेतन उपाध्याय ने इसे अभूतपूर्व पहल बताते हुए, वाराणसी पुलिस को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसी पहल उत्तर प्रदेश में पहली बार वाराणसी पुलिस ने की है जिसके लिए वाराणसी के अपर पुलिस आयुक्त श्री संतोष कुमार सिंह बधाई के पात्र हैं।
(चेतन उपाध्याय)
संस्थापक सचिव
'सत्या फाउण्डेशन'
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