महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र की जयंती पर एक दिवसीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र की जयंती पर एक दिवसीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

वाराणसी:- मिशन शक्ति फेज के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ,महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र की जयंती के अवसर पर "भारतेंदु हरिश्चंद्र का योगदान " विषय एक दिवसीय संगोष्ठी एवं निबंध प्रतियोगिता का का आयोजन किया गया| उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत वाराणसी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ राम सुधारसिंह  जी ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई|

इस अवसर पर भारतेंदु हरिश्चंद्र के सामाजिक एवं साहित्यिक योगदान की चर्चा करते हुए श्री सिंह ने बताया की भारतेंदु हरिश्चंद्र आधुनिक हिंदी में खड़ी बोली के जनक एवं भारतीय नवजागरण के संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं| आपने भारतीय नवजागरण काल में अपनी साहित्यिक भूमिका का निर्वहन करते हुए अनेक ऐसी पत्रिकाओं, समाचार पत्रों जैसे , कवि वचन सुधा, बाल प्रबोधिनी, हरिश्चंद्र का इत्यादि का प्रकाशन किया| आपने भारतीय नवजागरण काल के महत्वपूर्ण व्यक्तित्वो यथा राजा राममोहन राय, स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती इत्यादि से प्रेरणा लेते हुए भारत के हिंदी भाषी क्षेत्र में नवजागरण की अलख जगाई |आपने भाषा के क्षेत्र में प्राचीनता एवं आधुनिकता को साथ लेकर चलते हुए एक नई दिशा निर्धारित की और भाषा के स्वरूप को स्थापित करने के साथ ही साथ एक विशाल लेखक मंडली का निर्माण भी किया |

हिंदी साहित्य के क्षेत्र में पहली यात्रा कथा की रचना करने वाले आप व्यक्ति थे |आधुनिक साहित्य की समस्त विधाओं नाटक, निबंध इत्यादि के साथ-साथ परियों इत्यादि की और इन सब की रचना में आपने हंसती एवं हिंदी रलजती भाषा का प्रयोग किया |आपने बताया भारतेंदु हरिश्चंद्र एक ऐसे पारस थे कि जो भी उनके संसर्ग मे आया वह समृद्धि व संपन्न हो गया | भारतीय नवजागरण के काल में जब हिंदी भाषा के क्षेत्र में विभिन्न विचारधाराओं का परस्पर संघर्ष चल रहा था ऐसे में आपने मध्यम मार्ग अपनाते हुए हिंदी के पक्षधर के रूप में अपनी भूमिका का बड़ी ही कुशलता पूर्वक करते हुए उसे शिखर पर स्थापित किया |साहित्य के साथ-साथ आप द्वारा रचित रचनाएं इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं कि आप भारतीय सामाजिक पृष्ठभूमि के प्रति पूर्ण सचेत थे और आवश्यकता पड़ने पर समाज में व्याप्त बुराइयों के प्रति अपने विचारों को  करने और उनके उन्मूलन के प्रयासों में जरा सी भी कोताही नहीं बरती |

कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ के सदस्य गण डॉ नीरज धनकड़, डॉ किरन सिंह,  डॉ विजय कुमार रंजन ,डॉ ममता सिंहे अतिरिक्त विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के शिक्षक यथा डॉ सिद्धार्थ ,डॉ विवेक, डॉ धीरेंद्र, डॉ मल्लिका आदि की सराहसराहनीय उपस्थिति रही| कार्यक्रम का संचालन मानविकी संकाय के छात्र हरि नारायण ने की |अतिथियों का स्वागत महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ के सदस्य डॉक्टर नीरज धनकर तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ विजय कुमार रंजन द्वारा किया गया |  कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ  हुआ|

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