भवन ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम पर 14-15 जून दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
varanasi वाराणसी। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से वाराणसी के होटल क्लार्क्स में भवन ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम पर 14-15 जून दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन यूपीनेडा द्वारा किया गया। जिसमें महाराष्ट्र, राजस्थान गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
महाराष्ट्र, राजस्थान गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया प्रतिभाग
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट के लिए ऊर्जा संरक्षण एवं सौर ऊर्जा के अधिकाधिक उपयोग के लिए एनर्जी स्टोरेज पर दिया जोर
varanasi वाराणसी। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से वाराणसी के
होटल क्लार्क्स में भवन ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम पर 14-15 जून दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन यूपीनेडा द्वारा किया गया। जिसमें महाराष्ट्र, राजस्थान गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कमिश्नर एवं अध्यक्ष वाराणसी विकास प्राधिकरण दीपक अग्रवाल
ने अपने उद्बोधन में सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट के लिए ऊर्जा संरक्षण एवं सौर ऊर्जा के अधिकाधिक उपयोग के लिए एनर्जी स्टोरेज पर विस्तार से चर्चा की। उन्होने दो दिवसीय कार्यशाला की सफलता हेतु शुभकामनाएँ भी दी। सौरभ डिड्डी, निदेशक भवन ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम, बीईई भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 में प्रस्तावित संशोधनों पर चर्चा की तथा यह भी बताया कि संशोधन में आवासीय भवनों को भी शामिल किया जा रहा है जिससे आवासीय भवनों में ऊर्जा दक्षता का पालन करना अनिवार्य हो जाएगा।
सचिव, बीईई आर. के. राय ने इस कार्यशाला के माध्यम से सभी प्रदेशों से अपील किया कि एनर्जी कन्जर्वेशन बिल्डिंग ईसीबीसी कोड को अपने प्रदेशों में नोटिफाई कराएँ एवं विकास प्राधिकरणों/ नगरीय निकायों के बायलॉज में भी शामिल करायें। इस अवसर पर सचिव यूपीनेडा अनिल कुमार, आई.ए.एस. ने सभी प्रदेशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश में ऊर्जा दक्षता भवन कार्यक्रम के अन्तर्गत किए गए कार्यों के बारे में विस्तार से बताया और यह विश्वास व्यक्त किया कि इस कार्यशाला से सभी प्रदेशों को एक दूसरे से सीखने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होने यह भी बताया कि ऊर्जा बचत की अधिकाधिक सम्भावना भवन सेक्टर में होने के कारण इस पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।विषय विशेषज्ञ के रूप में गुजरात के सेंटर फॉर एडवान्स रिसर्च इन बिल्डिंग साइन्स एण्ड एनर्जी से आए हुए प्रोफेसर राजन रावल ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कार्यशाला में महाराष्ट्र एनर्जी डेवलपमेण्ट एजेंसी के महानिदेशक रवीन्द्र एस जगताप भी उपस्थित थे। प्रभारी यूपीएसडीए अशोक कुमार श्रीवास्तव वरिष्ठ परियोजना अधिकारी आयोजित कार्यशाला को संचालित किया गया एवं प्रभारी ईसीबीसी राम कुमार वरिष्ठ परियोजना अधिकारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।
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