युवतियों की हो रही हत्या से सहमे काशी के अधिवक्ता नेता कहा, केंद्र सरकार लिव इन रिलेशन को अपराध घोषित करें:- लिखी pm को पाती
वाराणसी :- सोमवार देश में लगातार युवतियों की हत्या हो रही है समाज में लगातार दहशत का माहौल इसके बावजूद युवक युवतिया ,एक जैसे कानून का सहारा ले आपसी समझौते के नाम पर जीवन यापन करने का ख्वाब देख रही है जो भारतीय समाज कभी मान्यता नही देता है इसलियए पूर्व वर्ती सरकारों ने लिव इन रिलेशन जैसा कानून बनाकर भारतीय समाज को खत्म करने प्रयास किया है इस पर अपनी प्रति क्रिया देते हुए

युवतियों की हो रही हत्या से सहमे काशी के अधिवक्ता नेता कहा, केंद्र सरकार लिव इन रिलेशन को अपराध घोषित करें:- लिखी pm को पाती
वाराणसी :- सोमवार देश में लगातार युवतियों की हत्या हो रही है समाज में लगातार दहशत का माहौल इसके बावजूद युवक युवतिया ,एक जैसे कानून का सहारा ले आपसी समझौते के नाम पर जीवन यापन करने का ख्वाब देख रही है जो भारतीय समाज कभी मान्यता नही देता है इसलियए पूर्व वर्ती सरकारों ने लिव इन रिलेशन जैसा कानून बनाकर भारतीय समाज को खत्म करने प्रयास किया है इस पर अपनी प्रति क्रिया देते हुए वाराणसी के अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी संयोजक भाजपा विधि प्रकोष्ठ,कार्यक्षेत्र ने कहा कि दिल्ली का श्रद्धा आफताब केस लिव इन रिलेशन का काला सच है, जिसे पूरे देश ने देखा-सुना है। इससे पहले भी बहुत से कत्ल, लड़ाई- झगड़े, आत्महत्या इस लिव-इन रिलेशन के कारण हुई हैं क्योंकि यह सामाजिक संबंधों की विकृति है, यह संबंध स्वाभाविक नहीं हैं, जिस संस्था ने लिव इन रिलेशन को कानूनी बनाया, वे जरा एक बार देश में खोज करवाएं कि इस रिश्ते रहने वाले कितने लोगों के घर उजड़े, कितने तलाक हुए, कितनी आत्महत्याएं, बलात्कार के कितने केसदर्ज हुए हैं।
शशांक शेखर त्रिपाठी एडवोकेट के अनुसार लिव इन रिलेशन में रहने वाले कितने सहजीवन जोड़े गलत रास्ते पर चले, कितनी लड़कियां सारी सामाजिक और पारिवारिक मर्यादा छोड़कर आफताब जैसों के पीछे चल पड़ीं? यह जांच व समीक्षा का विषय है। देश के जागरूक बुद्धिजीवियों, कानूनविदों, सरकार, सांसदों, विधायकों से मेरी उनक़ो खुली चुनौती है कि वह जनता के सामने आएं मीडिया पर वैसे तो बहुत कुछ बोलते हैं, यह भी बताएं कि सहजीवन से समाज को क्या लाभ मिला भारत और भारत के बेटे बेटियों को बचाने के लिए कानून बना क़र अपराध घोषित किया जाए।
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