काशी तमिल संगमम् में सूरज ढलते ही चमकें संस्कृति के सितारे

काशी तमिल संगमम् में सूरज ढलते ही चमकें संस्कृति के सितारे

वाराणसी : काशी तमिल संगमम् के तीसरे दिन बीएचयू स्थित एंफीथियेटर आयोजन स्थल के मुक्ताकाशी मंच पर सायं कालीन सत्र में सांस्कृतिक कलाकारों ने अपनी कला का जलवा बिखेरा काशी वासियों ने आज शाम होते ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना शुरू किया। इस संगमाम में 75 स्टाल पर लगे सांस्कृतिक हस्तकला एवं हस्तशिल्प के साथ-साथ वहां के धार्मिक पुस्तकों को देखा और व्यंजनों का स्वाद चखा । 

सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति से कलाकारों ने किया आकर्षित 

 काशी-तमिल संगमम के तीसरे  दिन सांस्कृतिक संध्या में तमिलनाडु से आए कलाकारों ने दर्शकों का मन मोह लिया। तमिल कलाकारों ने, भरतनाट्यम, तमिल लोकगीत, आदिवासी नृत्य, कोकालिकत्तल व बल वाद्यम एमीटर प्रस्तुत किया तो उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने चैती गायन से आगंतुकों को मंत्रमुग्ध किया।

काशी तमिल संगम में आए काशी वासियों ने कहा कि यह बहुत ही अच्छा आयोजन किया गया है इससे हम अपने देश के धरोहर और कलाकारों से रूबरू हो रहे तमिलनाडु जो हमारे देश की एक प्राचीन भाषा है वह महादेव की नगरी में अपने इन कलाओं और संस्कृति का प्रस्तुति दे रहे हैं इससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और तमिलनाडु के वह खास व्यंजन भी यहां मिल रहे हैं जिसे खाने का एक अलग ही अनुभव प्राप्त हो रहा है उन्होंने इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी कहा ।

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