बगैर अनुमति धरना-प्रदर्शन करने के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दोषमुक्त

वाराणसी। 27 वर्ष पूर्व बिना अनुमति लिए धरना-प्रदर्शन कर आवागमन बाधित करने के मामले में आरोपित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी। अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन प्रथम)/एमपी- एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट उज्जवल उपाध्याय की अदालत में विचाराधीन इस मामले में अदालत ने अभियोजन द्वारा आरोप सिद्ध न कर पाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को दोषमुक्त कर दिया।

बगैर अनुमति धरना-प्रदर्शन करने के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दोषमुक्त

बगैर अनुमति धरना-प्रदर्शन करने के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दोषमुक्त 

वाराणसी। 27 वर्ष पूर्व बिना अनुमति लिए धरना-प्रदर्शन कर आवागमन बाधित करने के मामले में आरोपित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी। अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन प्रथम)/एमपी- एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट उज्जवल उपाध्याय की अदालत में विचाराधीन इस मामले में अदालत ने अभियोजन द्वारा आरोप सिद्ध न कर पाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को दोषमुक्त कर दिया।


प्रकरण के अनुसार तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट जेबी सिंह ने अदालत में परिवाद दर्ज कराया था। आरोप था कि 11 सितम्बर 1996 को दिन में करीब 12 बजे अजय राय, राजेश रंजन, रामाश्रय, सुरेश उपाध्याय, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार, सच्चिदानंद, सत्यम राय, अशोक कुमार, विनोद कुमार, सत्येंद्र सिंह, अमरनाथ, जयप्रकाश, राकेश, लालजी दूवे अपने 350-400 अन्य समर्थकों को साथ लेकर 200-250 गाड़ियों, जिसमें वस, कार, जीप, स्कूटर, मोटरसाइकिल एवं ट्रैक्टरों में भरकर जुलूस के रुप में जोर-जोर से नारे लगाते हुए जौनपुर-वाराणसी मुख्य मार्ग से शिवपुर बाईपास से कचहरी वाराणसी जाने वाली सड़क पर अजय राय के नामांकन के विषय में मुख्य मार्गो को घेरकर अवरोध उत्पन्न कर दिये। साथ ही गाड़ियों के भीतर तथा छतों पर बैठे हुए लोग अजय राय के समर्थन में उत्तेजक नारे लगाते हुए पूरे मुख्य मार्ग को अवरुद्ध किये हुए चल रहे थे। इस दौरान जब पुलिस ने जनपद में धारा 144 लगे होने का हवाला देकर उन्हें मना करते हुए उक्त जुलूस का अनुमति पत्र मांगा गया तो वह लोग किसी भी प्रकार की अनुमति पत्र नहीं दिखा सके। वहीं उनके इस कृत्य से पुलिस प्रशासन के समक्ष शांति व्यवस्था बनाये रखने में समस्या होने लगा। इस मामले में अदालत ने अजय राय समेत अन्य लोगों को आरोपित बनाया था। इसी मामले में 10 नवम्बर 2023 को अजय राय का धारा 313 के तहत बयान मुल्जिम दर्ज किया गया। अदालत में अभियोजन की ओर से कुल चार गवाह पेश किए गए।

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