17 नवम्बर से होगा काशी में ये विशेष कार्यक्रम , जुटेंगे देश के ये तमाम दिग्गज

वाराणसी, 4 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक महीने का काशी तमिल समागम का आयोजन होने वाला है, जिसमे एक भारत श्रेष्ठ भारत की झलक दिखेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पुरातन और आधुनिकता के तालमेल से तराशी गई काशी में तमिलनाडु के अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ मंथन करेंगे। इसमे तमिलनाडु के 38 जिलों के करीब 3000 डेलीगेट्स भाग लेंगे।

17  नवम्बर से होगाकाशी  में ये विशेष कार्यक्रम , जुटेंगे देश के ये  तमाम दिग्गज तमिल समागम में काशी के विकास मॉडल को नजदीक से देखेंगे दक्षिण भारत के डेलीगेट्स

- प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक महीने का होगा तमिल समागम

- काशी के विकास मॉडल को देखने आएंगे तमिलनाडु के लोग, प्रयाग और अयोध्या भी जाएंगे
  
- दक्षिण के खान पान, संस्कृति, शिक्षा, व्यवसाय, आध्यात्म व शिल्पियों का होगा संगम
 
- 17 नवंबर से 18 दिसंबर तक होगा आयोजन, तमिलनाडु के 38 जिलों के 3000 लोग लेंगे भाग

वाराणसी, 4 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक महीने का काशी तमिल समागम का आयोजन होने वाला है, जिसमे एक भारत श्रेष्ठ भारत की झलक दिखेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पुरातन और आधुनिकता के तालमेल से तराशी गई काशी में तमिलनाडु के अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ मंथन करेंगे। इसमे तमिलनाडु के 38 जिलों के करीब 3000 डेलीगेट्स भाग लेंगे। 17 नवंबर 2022 से शुरू होकर 18 दिसंबर 2022 यानी एक महीने तक चलने वाले इस तमिल समागम में दक्षिण भारत के डेलीगेट्स वाराणसी में विकास के मॉडल को भी देखेंगे। इसके साथ ही सभी प्रतिनिधि श्री राम की नगरी अयोध्या और संगम नगरी प्रयाग का भी दौरा करेंगे। 

धर्म, शिक्षा और संस्कृतिक की नगरी काशी में तमिल कार्तिक माह में काशी तमिल समागम होने वाला है, जहां हर क्षेत्र के विशेषज्ञ सीखने और सीखाने के लिए एकत्रित होंगे। 12 अलग अलग ग्रुप जिसमे छात्र, हस्तशिल्पी, साहित्यकार, आध्यात्मिक, व्यवसायी, शिक्षक, हेरिटेज, नव उद्यमी, प्रोफेशनल, मंदिरों से संबंधित, ग्रामीण-कृषक, संस्कृति से सम्बंधित लोग शामिल होंगे। 250-250 लोगों के 12 ग्रुप एक के बाद एक हर 2-3 दिन में ट्रेन से काशी पहुंचेगा।

मंडलायुक्त व जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि 12 ग्रुप में लगभग 3000 लोग तमिलनाडु के 38 जिलों से 18 नवंबर को वाराणसी आएंगे। एक ग्रुप की यात्रा 8 दिनों की होगी जिसमे 4 दिनों की यात्रा तमिलनाडु से वाराणसी आने जाने की होगी। ये लोग दो दिन वाराणसी में रहेंगे तथा हनुमान घाट पर गंगा स्नान, श्री सुब्रमण्यम स्वामी जी के आवास, काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन, सारनाथ आर्कियोलॉजिकल साइट एंड म्यूजियम, गंगा आरती और 84 घाटों का नाव से अवलोकन करेंगे और शाम को रविदास घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। वाराणसी के बाद ये लोग दो दिन प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा पर रहेंगे। 3 ट्रेन एक दो दिन के अंतराल पर प्रति सप्ताह आएगी। कार्यक्रम का नोडल मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय है। आईआईटी चेन्नई तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम के नोडल इंस्टिट्यूट है।

एक महीने के इस तमिल समागम में करीब 500 कलाकार एग्जिबीशन, प्रदर्शन व कार्यक्रम करेंगे। तमिलनाडु से संबंधित प्रदर्शनी, फ़ूड कोर्ट रविदास पार्क में एक महीने तक चलेगी तथा इसके घाट पर पूरे एक महीने सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस दौरान अलग अलग दिन उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रीगण और तमिलनाडु के विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। भ्रमण के दूसरे दिन इन सब ग्रुप के 3 घंटे के विषय संबंधित कार्यक्रम होंगे, जिनमे से 7 कार्यक्रम बीएचयू में, 2 कार्यक्रम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में और 3 कार्यक्रम ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर में होंगे।


इस मामले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया की कशी के लोगों के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत को साकार करने  17  नवंबर को   में प्रधानमंत्री भी आ सकते है|और उसी\दिन नई शिक्षा नीति  भी लागू होने की संभावना है 

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