यह शहर हर उत्सव मनाता है- डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु

यह शहर हर उत्सव मनाता है- डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु

माहेश्वरी समाज ने शरद पूर्णिमा के दिन देर रात्रि तक कार्यक्रम आयोजित था कार्यक्रम में माहेश्वरी परिवारों ने अपने अपने घरों से लड्डू गोपाल को सजा करके माहेश्वरी भवन महमूरगंज लाया। शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की भीनी भीनी रोशनी जब लड्डू गोपाल पर पढ़ रही थी तब लड्डू गोपाल के मुख पर जो मुस्कान झलक रही थी वह वाकई देखने लायक थी।

 जब लड्डू गोपाल मुस्कुरा रहे थे तो मानो ऐसा लग रहा था कि बनारस में वृंदावन बस गया हो, बांके बिहारी लाल ने लड्डू गोपाल ने वहां आए सभी परिवार जनों का मन मोह लिया। माहेश्वरी समाज द्वारा इस कार्यक्रम में समाज की बहू बेटियों द्वारा बढ़-चढ़कर के भाग लिया और बांके बिहारी लाल को रिझाने के लिए अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,राम नारायणं जानकी बल्लभम जैसे भजन पर महारासलीला और साथ में ढोली तारों ढोल बाजे जोगाड़ तारा जैसे गानौ पर डांडिया का आयोजन किया , जिसमें अनेकों पुरस्कार भी दिए गए l लड्डू गोपाल को छप्पन भोग लगाया गया । कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए माहेश्वरी परिषद, माहेश्वरी महिला संगठन, महेश्वरी कला संस्कृति , माहेश्वरी क्लब ने अपना भरपूर सहयोग दियाl

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा एमएलसी व उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉक्टर दयाशंकर मिश्र दयालु जी थे इस अवसर पर मंत्री डॉक्टर दयालु ने कहा की छोटे-छोटे बच्चों को जिस तरह से डांडिया करते हुए देखना बहुत ही सुखद अनुभव है। निश्चित ही यह बच्चे जब खुद मास्टर हो जाएंगे तो बाद में इनको और अच्छा लगेगा। आप सब को यहां एक साथ परिवार जैसे वातावरण है सबको देखकर निश्चित ही बहुत खुशी हो रही है और हम सब लोग तो गुजरात के गरबा के बारे में सुनते हैं लेकिन काशी में उसका मिनी रूप हम कह सकते हैं। आप सब को देखकर गर्व की अनुभूति हो रही है ।काशी कहने को एक शहर है लेकिन यहां गुजरात भी बसता है महाराष्ट्र भी बसता है। हर इलाके में अलग-अलग मोहल्लों में लगता है एक संपूर्ण भारत गलियों में मोहल्लों में रहता है,यही काशी की विशेषता है।एक छोटी सी बात आपको बताऊं कि भगवान राम का जन्म जरूर अयोध्या में हुआ लेकिन भगवान राम के लीलाओं का सर्वाधिक सर्वाधिक मंचन अगर कहीं होता है और दुनिया के जो सबसे प्रसिद्ध रामलीला है वह भी काशी में होती है। राम भरत की रामलीला चाहे वह भरत मिलाप हो। यह शहर हर उत्सव मनाता है l

यह उत्सव पर राग का अनुराग का खुशियों का शहर है।यह बाबा विश्वनाथ की नगरी है मां अन्नपूर्णा की नगरी है जब आप लोगों के मंदिर में जाता हूं वहां गोपाल मंदिर में तो वहां का जो वातावरण है तो वहां भगवान कृष्ण की गोपाल की लीलाओं से जिस तरह से वहां सबका अनुराग सबका प्रेम देखकर लगता है कि भगवान कृष्ण का भी शहर है।निश्चित ही काशी के हम सब रहने वाले हैं और हम सभी का सौभाग्य है कि यह दुनिया की सबसे प्राचीन जिंदा नगरी बाबा विश्वनाथ की नगरी मां अन्नपूर्णा की नगरी है।यह गोपाल जी की नगरी और सब के साथ वर्तमान में इस देश की ही नहीं दुनिया की सबसे यशस्वी व्यक्तियों में शामिल आदरणीय नरेंद्र मोदी जी की नगरी है। हम सब उस शहर के रहने वाले हैं उस नगरी के रहने वाले हैं आप सब को मेरी तरफ से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं। आज का दिन शरद पूर्णिमा का दिन है उसकी भी आप सबको मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

समाज के मुख्य रूप से सर्वश्री कृष्ण कुमार सोमानी वीरेंद्र भूराडिया श्रीराम चितलांगिया मांगीलाल सारडा, , ममता मूंदड़ा, गौरव राठी मोहिनी झवर रितु धूत रमा काबरा अमित मूंदड़ा, धीरज मल, नवनीत कोठारी , श्रेया सोमानी सुनीता राठी मनीषा धनानी प्रतीक मूंदड़ा पवन धूत, राकेश अनीता डागा अलका बाहेती दीपक जाजू संजीव चांडक ममता सोमानी राजेश गट्टानी गिरिराज कोठारी आदि उपस्थित थे . कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री कृष्ण कुमार सोमानी, संचालन सुषमा कोठारी व राकेश मूंदड़ा एवं

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