sonbhadra नाबालिग को भगाने के मामले सोनभद्र न्यायालय शख्त, आरोपी को सुनाया 20 वर्ष का सश्रम कारावास और अर्थ दंड

sonbhadra नाबालिगको भगाने के मामले सोनभद्र न्यायालय शख्त आरोपी को सुनाया 20 वर्ष का सश्रम कारावासऔर अर्थ दंड 65 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद।14 वर्षीय नाबालिग लड़की को तीन वर्ष पूर्व भगाने का मामला। अर्थदंड की समूची धनराशि 65 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।

sonbhadra  नाबालिग  को भगाने के मामले सोनभद्र न्यायालय शख्त,  आरोपी को सुनाया 20  वर्ष का सश्रम कारावास   और अर्थ दंड

sonbhadra  नाबालिग  को भगाने के मामले सोनभद्र न्यायालय शख्त  आरोपी को सुनाया 20  वर्ष का सश्रम कारावास   और अर्थ दंड 65 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद।
14 वर्षीय नाबालिग लड़की को तीन वर्ष पूर्व भगाने का मामला।
अर्थदंड की समूची धनराशि 65 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।

सोनभद्र। तीन वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की को भगाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र  की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी रवि उर्फ रविशंकर को 20 वर्ष की कैद एवं  65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 65 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।


अभियोजन पक्ष के मुताबिक शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 17 मार्च 2019 को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी जो कक्षा 7 की छात्रा है को 10/11 मार्च 2019 की भोर में 4 बजे रवि उर्फ रविशंकर पुत्र सुरेश सिंह निवासी कोलकाड़ी थाना शाहगंज बहला फुसलाकर कहीं भगा ले गया है। नात रिश्तेदारों के अलावा हर सम्भावित जगहों पर खोजबीन की, लेकिन पता नहीं चला। सूचना दे रहा हूं, आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने अपहरण एवं पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर रवि उर्फ रविशंकर के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रवि उर्फ रविशंकर को 20 वर्ष की कैद एवं 65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि 65 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने बहस की।

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