पीएम ने यूपी में कृषि क्षेत्र में बताई संभावनाएं ,योगी ने बनाया उत्तर प्रदेश को फ़ूड बास्केट

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में शुक्रववार को पीएम ने उत्तर प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं का जिक्र किया। वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी को फ़ूड बास्केट बताया । डबल इंजन की सरकार द्वारा अन्न दाताओं के हित में बनाई गई कृषि नीति ने ये साबित भी कर दिया है। उत्तर प्रदेश के किसान अब उद्यमी बनकर कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहे है। उत्तर प्रदेश में ख़ास कर पूर्वांचल हरी सब्जियों के निर्यात का हब बनता जा रहा है।

पीएम ने यूपी में कृषि क्षेत्र में बताई संभावनाएं ,योगी ने बनाया उत्तर प्रदेश को फ़ूड बास्केट

पीएम ने यूपी में कृषि क्षेत्र में बताई संभावनाएं ,योगी ने बनाया उत्तर प्रदेश को फ़ूड बास्केट 

 उत्तर प्रदेश के किसान अब उद्यमी बनकर कृषि उत्पादों का कर रहे निर्यात

 


डबल इंजन की सरकार द्वारा अन्न दाताओं के हित में बनाई गई कृषि नीति ने किया कमाल 

एयर कार्गो और सड़क यातायात की अच्छी कनेक्टिविटी ने एक्सपोर्ट की राह की आसान  


उत्तर प्रदेश में  सौ से अधिक किसानों का समूह (एफ़पीओ ) कर रहा निर्यात 


इंग्लॅण्ड से लेकर खाड़ी देशो को हुआ निर्यात

एपीडा के प्रयासों से 3 सालों में  48,176 .95 करोड़ का , 4587054 .4 मीट्रिक टन कृषि उत्पाद का हुआ निर्यात , उत्तर प्रदेश का अपने आप में है रिकॉर्ड

वाराणसी ,112  फ़रवरी 


ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में शुक्रववार को पीएम ने उत्तर प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं का जिक्र किया। वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी को फ़ूड बास्केट बताया । डबल इंजन की सरकार द्वारा अन्न दाताओं के हित में बनाई गई कृषि नीति ने ये साबित भी कर दिया है। उत्तर प्रदेश के किसान अब उद्यमी बनकर कृषि उत्पादों  का निर्यात कर रहे है। उत्तर प्रदेश में ख़ास कर पूर्वांचल हरी सब्जियों के निर्यात का हब बनता जा रहा है। एयर कार्गो और सड़क यातायात की अच्छी कनेक्टिविटी ने एक्सपोर्ट की राह आसान कर दी है । सरकार की कृषि नीति से किसानों की आय बढ़ रही है। एपीडा के प्रयासों से पिछले 3 सालों में  रूपये 48,176 .95 करोड़ का ,4587054 .4 मीट्रिक टन हरी सब्जियां और फल का निर्यात हुआ है। जो प्रदेश में अपने आप में रिकॉर्ड है। 

योगी सरकार ने पूर्वांचल  के किसानों को अब एक्सपोर्ट बना दी है। उप महाप्रबन्धक एपीडा सीबी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सौ से अधिक किसानों के समूह  (FPO) फार्मर प्रोडूसर आर्गेनाइजेशन को निर्यात से जोड़ा गया है। 

* यूपी के तीन वर्षो के कृषि निर्यात के अकड़े *

-वित्तीय वर्ष 2020 -21 में 17,729.90 करोड़ का,1,763,534.83 मीट्रिक टन ,

 -वित्तीय वर्ष 2021-22 में 18,049.21 करोड़ का,1,844,770 .70 मीट्रिक टन

 -जबकि वित्तीय वर्ष 2022 से 2023 नवंबर तक महज आठ महीने में ही 12,397.84 करोड़       का 978,748.87 मीट्रिक टन का निर्यात हुआ। 


*निर्यात होने वाले खाद्य पदार्थ व देशों के नाम *

उप महाप्रबन्धक एपीडा ने बताया कि मुख्यरूप से क़तर ,बांग्लादेश ,नेपाल ,शारजाह,बहरीन ,दुबई ,खाड़ी के अन्य देशो में निर्यात हो रहा है। इंग्लॅण्ड को कोरोना काल में हरी मिर्ची निर्यात की गई थी।  जहा मुख्यत काला ,चावल ,गेहू, दाल ,हरी मिर्च ,मटर ,परवल,नेनुआ ,भिंण्डी  कुनरु ,कन्ना (स्वीट पोटेटौ ),सुरन ,लौकी ,टमाटर ,बनारसी लंगड़ा आम जैसे कई कृषि उत्पाद  निर्यात किया जा रहा है। 

सरकार की किसानो के अनुकूल नीति 

सरकार बिचौलियों को बीच से हटा कर किसानों की मेहनत का पूरा पैसा उनको दिलाने में और किसानो की आय दुगनी करने में तेजी से सफल हो रही है। जिसमे खेती का आधुनिकीकरण, किसानों का प्रशिक्षण ,अच्छे बीज व खाद की समय से उपलब्धता ,दैवीय आपदा में समय से उचित मुआवजा आदि सरकारी सहायता शामिल है। इसके अलावा भी कृषि और फ़ूड प्रोसैसिंग को लेकर सरकार की कई योजनाए चल रही है। जिसका लाभ किसान उठा रहे है।

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